143 प्राइमरी टीचर नौकरी से बर्खास्त, रुका वेतन

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सीबीआई को दिया मोबाइल पर आए मेसेज की जांच का आदेश
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : अवैध रूप से नियुक्त किए गए 143 प्राइमरी टीचरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने बुधवार को उनकी तरफ से दाखिल एफिडेविट पर गौर करने के बाद यह आदेश दिया। इसके साथ ही मोबाइल पर नियुक्ति के लिए आए मेसेज की जांच करने का आदेश भी सीबीआई को दिया। यहां गौरतलब है कि बुधवार को इस सिलसिले में कुल 146 एफिडेविट दाखिल किए गए थे। अभी तक 196 प्राइमरी टीचरों की नौकरी जा चुकी है।
यहां गौरतलब है कि अवैध रूप से नियुक्त 269 प्राइमरी टीचरों को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी तरफ से दायर एसएलपी पर सुनवायी के बाद हाई कोर्ट को उन्हें सुनने का आदेश दिया था। इस सिलसिले में जस्टिस गंगोपाध्याय ने उन्हें एफिडेविट दाखिल करके यह साबित करने का आदेश दिया था कि उनकी नियुक्ति वैध रूप से की गई थी। इस तरह बुधवार को दाखिल किए गए 146 एफिडेविटों में से जस्टिस गंगोपाध्याय ने 143 को खारिज कर दिया। उनमें समुचित कारण नहीं दर्शाए गए थे। बाकी तीन की नौकरी इस लिए बच गई कि गलत सवाल के कारण कोर्ट ने उन्हें 1-1 नंबर अतिरिक्त देने का आदेश दिया था। इसकी सुनवायी के दौरान मोबाइल की अनोखी दलील पेश की गई। इसके तहत रात को सभी को 3.46 बजे मोबाइल पर मेसेज आया था कि उन्हें नौकरी देने के लिए संस्तुति पत्र दिया गया है। जस्टिस गंगोपाध्याय ने सवाल किया कि किस नंबर से फोन आया था तो इसका कोई जवाब नहीं मिला। जो 143 एफिडेविट दाखिल किए गए थे सभी में एक ही स्क्रीन शॉट का हवाला दिया गया था। सभी को एक ही मोबाइल मेक सैमसंग डीएस से मेसेज आया था। इतना ही नहीं सभी मोबाइल साइलेंट मोड में थे और बैटरी चार्ज की स्थिति भी एक ही थी। जस्टिस गंगोपाध्याय ने सीबीआई को मोबाइल के इस रहस्य का भी जांच करने का आदेश दिया है।

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