आरपीएफ व जीआरपी मिलकर करेगी वंदे भारत की सुरक्षा

सन्मार्ग संवाददाता
सिलीगुड़ी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 30 दिसम्बर को वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन किया था जिसके बाद 1 तारीख से वंदे भारत ने यात्रा शुरू की। हालांकि 4 दिनों के अंदर ही इस ट्रेन पर 2 बार पथराव किया गया। दोनों ही घटनाएं उत्तर बंगाल में घटी। पथराव के कारण ट्रेनों के डिब्बे क्षतिग्रस्त हुए व खिड़कियों के कांच टूट गये। अब वंदे भारत की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के साथ ही जीआरपी भी तत्पर हो गयी है। ​जांच में सहयोग करने केे साथ ही वंदे भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जीआरपी भी आगे आयी है। बताया गया कि एनजेपी से हावड़ा तक आरपीएफ के अलावा जीआरपी की ओर से भी वंदे भारत एक्सप्रेस पर निगरानी की जायेगी। एक तरह से ट्रेन को गार्ड कर एनजेपी से हावड़ा ले जाया जायेगा। लगातार हमलों की दो घटनाओं से वंदे भारत एक्सप्रेस को काफी नुकसान पहुंचा है। घटना को लेकर आरपीएफ की ओर से जांच चालू की गयी है। इधर, बुधवार को सिलीगुड़ी में आरपीएफ व जीआरपी ने मिलकर विशेष बैठक की। इस बैठक में वंदे भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करने समेत अभियुक्तों को चिह्नित करने के मुद्दे पर विस्तारित चर्चा की गयी। बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जीआरपी के एसपी एस. सेल्वामुरुगन ने कहा, ‘वंदे भारत एक्सप्रेस पर कड़ी नजर रखी जा रही है। ट्रेन पर निगरानी के लिए अलग ह्वाट्स ऐप ग्रुप भी तैयार किया गया है। इसके अलावा ट्रेन के अंदर आरपीएफ के अलावा जीआरपी भी सुरक्षा हेतु रहेगी। ट्रेन को कड़ी सुरक्षा में गार्ड कर एनजेपी से हावड़ा तक ले जाया जायेगा।’
ट्रेनों पर पथराव आपराधिक मामला : रेलवे
इधर, वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की घटना को लेकर रेलवे की ओर से कहा गया कि इस घटना से ट्रेनों में सवार यात्रियों में भय उत्पन्न हो गया है। इस घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (रे.सु.ब.) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के जवान संयुक्त रूप से ऐसे क्षेत्रों में निगरानी रख रहे हैं। ट्रेनों पर पत्थर या इसी तरह की वस्तु फेंकना रेल अधिनियम में निर्धारित धारा 152, 153 और 154 के तहत एक आपराधिक मामला है। कोई भी व्यक्ति, यदि जानबूझकर या अनजाने में किसी भी वस्तु को ट्रेन के किसी चल स्टॉक में या उस पर फेंकता है, जो किसी भी यात्री की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है और किसी भी चल स्टॉक को बाधित करता हैतोआरोपी को 10 साल तक की अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जा सकता है।
स्कूलों और गांवों में फैलायी जा रही जागरूकता
सतर्कता बढ़ाने के अलावा, रे.सु.ब. द्वारा ऐसी घटनाओं के स्थानों के साथ-साथ स्कूलों, गांवों आदि को शामिल करते हुए पड़ोसी क्षेत्रों में भी जागरूकता अभियान आयोजित कर रहा है ताकि शरारती तत्व उन कृत्यों से बच सकें, जो ट्रेन संचालन की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।पू. सी. रेल आम जनता और यात्रियों से अपील करती है कि यदि उन्हें अनाधिकार प्रवेश और पथराव जैसी घटनाएं मिलती हैं, तो टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर (139) पर सूचित करें। रेलवे संपत्ति सार्वजनिक संपत्ति है और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा हर किसी की जिम्मेदारी है।

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