हार्ट अटैक से बचना है तो शुरू कर दें कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करना

कोलकाता:  हाई कोलेस्ट्रॉल आज के समय में काफी आम समस्या है और कई लोगों में यह समस्या देखी जाती है। हाई कोलेस्ट्रॉल एक ऐसी समस्या है जिसका सामना किसी भी उम्र के व्यक्ति को करना पड़ सकता है। सामान्य तौर पर, मध्यम आयु वर्ग या बूढ़े लोगों में यंग लोगों की तुलना में हाई कोलेस्ट्रॉल होना काफी आम बात है। हाई कोलेस्ट्रॉल की फैमिली हिस्ट्री होने पर यंग लोगों को भी अपनी शुरुआत उम्र में इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

कोलेस्ट्रॉल क्या है?

कोलेस्ट्रॉल एक वैक्स की तरह का पदार्थ होता है जो हमारे ब्लड में पाया जाता है और कुछ कामों के लिए शरीर को इसकी जरूरत होती है। हालांकि कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी होता है लेकिन इसका लेवल ज्यादा होने पर इसे खतरनाक माना जाता है। इसका एक कारण यह है कि ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का लेवल ज्यादा होने से रक्त कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं जिससे आर्टरीज में ब्लड फ्लो काफी कम हो जाता है। जब यह कोलेस्ट्रॉल टूटता है तो इससे क्लॉटिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की समस्या का सामना करना पड़ता है। कोलेस्ट्रॉल को इसलिए भी काफी खतरनाक माना जाता है क्योंकि अन्य बीमारियों की तरह इसके कोई भी लक्षण शरीर में नजर नहीं आते। जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल लिमिट से ज्यादा बढ़ जाता है तब इसके कुछ -कुछ लक्षण दिखने शुरू होते हैं। ऐसे में ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल को मॉनिटर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपना रेगुलर चेकअप करवाएं।

ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करने का सही उम्र
अमेरिकन हार्ट एसोशिएशन के मुताबिक, व्यक्ति को 20 साल की उम्र से अपना ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करना शुरू कर देना चाहिए। मुंबई स्थित एक सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि बच्चों में 9 साल की उम्र में सबसे पहले लिपिड लेवल चेक करना चाहिए इसके बाद 17 से 20 साल उम्र के बीच लिपिड लेवल चेक करना चाहिए। अमेरिका के सेंटर फॉल डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, बच्चों की शुरुआती उम्र में ही उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल जरूर चेक करना चाहिए। ब्लड कोलेस्ट्रॉल के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए यह काफी जरूरी है कि आप कोलेस्ट्र्रॉल लेवल चेक करने की अपनी रोजाना की आदत बनाएं। भारत में ब्लड कोलेस्ट्रॉल की बात करें तो यहां शहरों में 25 से 30 फीसदी लोग और ग्रामीण इलाकों में 15 सो 20 फीसदी लोग कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं। 2017 की एक स्टडी के अनुसार, 20 साल की अवधि में शहरी आबादी के बीच कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल में वृद्धि हुई है। कुल मिलाकर, एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि 20 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को हर 5 साल में अपना कोलेस्ट्रॉल टेस्ट  करवाना चाहिए और इसके बाद टेस्ट की फ्रिक्वेंसी बढ़ाई जा सकती है।

कैसे कंट्रोल करे हाई कोलेस्ट्रॉल
हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए सिर्फ अच्छी डाइट के साथ-साथ समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल की जांच भी करानी होती है ताकि समय रहते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सके और हेल्थ रिस्क को कम कर सकें। हाल ही में एक एक्सपर्ट ने हाई कोलेस्ट्रॉल के कुछ लक्षण बताए हैं जो कि पैरों में नजर आते हैं। इन लक्षणों को अनदेखा करने की गलती बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। अगर आपको भी ये लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

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