नई दिल्ली: खाटू श्याम बाबा को कलियुग का देवता माना जाता है, जिनके दर्शन के लिए राजस्थान के सीकर की खाटू नगरी में लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, आमलकी एकादशी यानी 20 मार्च 2024 के दिन बाबा श्याम का जन्मदिन मनाया जाएगा। इसके चलते खाटू नगरी में लक्खी मेला लगता है, जो 12 मार्च से शुरू होकर 21 मार्च तक चलेगा। इसके साथ ही 20 मार्च को ही बाबा श्याम का मुख्य लक्खी मेले का आयोजन होगा।
कैसे करें बाबा श्याम की पूजा ?
खाटू श्याम की पूजा करने के लिए बाबा श्याम की एक मूर्ति पूजा स्थान पर रखें। इसके बाद अगरबत्ती, धूप, घी का दीपक, पुष्प, फूल की माला, कच्चा दूध, प्रसाद आदि सामग्री लें। इसके बाद बाबा श्याम को फूल अर्पित कर घी का दीपक जलाएं और कच्चे दूध का भोग लगाएं। फिर दीपक घुमाते हुए खाटू श्याम की आरती लगाएं।
कौन हैं खाटू श्यामजी?
जानकारी के अनुसार, खाटू श्याम जी महाभारत काल से जुड़े हुए हैं। कहा जाता है कि वे पांडु के पुत्र भीम के पौत्र थे, जिनका असली नाम बर्बरीक था। बर्बरीक को भगवान श्रीकृष्ण से कलियुग में श्याम नाम से पूजे जाने का वरदान मिला था। इसी के चलते ये खाटू श्याम बाबा कहलाए। बाबा को हारे का सहारा कहा जाता है। कहते हैं कि जिसका कोई नहीं होता उसकी मदद करने बाबा श्याम खुद चलकर आते हैं।