किसी हाल में नहीं बदला जा सकता इतिहास : शुभेंदु | Sanmarg

किसी हाल में नहीं बदला जा सकता इतिहास : शुभेंदु

पोयला वैशाख के दिन पश्चिम बंगाल दिवस मनाने को लेकर बोला राज्य सरकार पर हमला
भाजपा विधायकों ने की राज्यपाल से मुलाकात
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : गुरुवार को विधानसभा में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पोयला वैशाख के दिन को पश्चिम बंगाल दिवस के तौर पर मनाये जाने का प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव के पक्ष में 167 और विपक्ष में 62 वोट डाले गये। यह प्रस्ताव पास होने के बाद ही हाथों में प्लेकार्ड लेकर विधानसभा से रैली निकालकर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायक राजभवन गये और राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंदा बोस से मुलाकात की। राज्यपाल को पश्चिम बंगाल दिवस 20 जून को मनाये जाने को लेकर पत्र सौंपा गया।
पोयला वैशाख के दिन को पश्चिम बंगाल दिवस के तौर पर मनाये जाने का विरोध शुभेंदु अधिकारी ने किया। भाजपा 20 जून के दिन को पश्चिम बंगाल दिवस के तौर पर मनाने की बात कह रही थी। इसे लेकर विधानसभा में काफी हंगामा मचा। भाजपा परिषदीय दल की ओर से कहा गया कि 20 जून के दिन को वे ‘पश्चिम बंगाल दिवस’ की मर्यादा देंगे। किसी हाल में पोयला वैशाख के दिन को नहीं माना जा सकता है। इस दिन विधानसभा में शुभेंदु ने कहा, ‘इतिहास को किसी हाल में नहीं बदला जा सकता है। जिस प्रकार राकेश रोशन चांद पर नहीं गये, इंदिरा गांधी भी चांद पर नहीं गयी थीं। काजी नजरुल इस्लाम ने महाभारत नहीं लिखा था। रवींद्र नाथ टैगोर 1941 में मारे गये थे, 47 में नहीं। जिस प्रकार इस इतिहास को नहीं बदला जा सकता, इस दिन को भी नहीं बदला जा सकता है। पश्चिम बंगाल दिवस का पालन 20 जून को ही किया जायेगा। इसके लिये हम प्रधानमंत्री को भी लिखेंगे ताकि राष्ट्रीय स्तर पर बंगाली हिन्दुओं की रक्षा के लिये 20 जून को पश्चिम बंगाल दिवस के तौर पर भारत सरकार मनाये।’ इस दिन शुभेंदु ने कहा कि जिस तरह बंग नाम की स्वीकृति भारत सरकार ने नहीं दी, इस प्रस्ताव का भी वही हाल होगा। बीएसएफ के खिलाफ प्रस्ताव, ईडी-सीबीआई के खिलाफ प्रस्ताव की तरह ही इस प्रस्ताव का भी हाल होगा। इस दौरान भाजपा व तृणमूल विधायकों में काफी तू तू-मैं मैं हुई और नारायणगढ़ के टीएमसी विधायक सूर्यकांत अत्तो ने शुभेंदु अधिकारी को हरिदास पाल कहकर संबोधित किया। इस पर शुभेंदु ने कहा कि मुझे हरिदास पाल कह रहे हैं, एक समय में मेरे घर के पास बैठे रहते थे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल दिवस के बिल पर राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं करेंगे।

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