‘एक देश एक चुनाव’ की तैयारी में मोदी सरकार, जानें क्यों लिया जा रहा है फैसला ? | Sanmarg

‘एक देश एक चुनाव’ की तैयारी में मोदी सरकार, जानें क्यों लिया जा रहा है फैसला ?

नई दिल्ली: भारत में ‘एक देश एक चुनाव’ की नीति पर जोर देने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने कमेटी का गठन किया है।

पूर्व राष्ट्रपति कोविंद करेंगे अध्यक्षता
देश में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा दोनों चुनाव को एकसाथ कराने के लिए केंद्र सरकार ने पहल किया है। शुक्रवार (01 सिंतबर ) को केंद्र सरकार ने इसके लिए कमेटी का गठन किया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसकी अध्यक्षता करेंगे। इसको लेकर आज ही नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। मोदी सरकार संसद में वन नेशन वन इलेक्शन बिल लेकर आ सकती है। केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। विशेष सत्र बुलाने के फैसले से विपक्ष दलों में आक्रोश है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने सभी सचिवों की छुट्टियों को रद्द कर दिया है। सभी को दिल्ली में रहने का निर्देश भी दिया गया है।

बिल पास होने पर चुनावों के समय में होगा बदलाव
अगर केंद्र सरकार वन नेशन वन इलेक्शन बिल को संसद से पास कर देती है तो देश में होने वाले सारे चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। विशेष तौर पर आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव के वक्त कई राज्यों के विधानसभा चुनाव भी एक साथ कराए जा सकते हैं। इस विशेष सत्र को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि संसद के विंटर सेशन की तारीख बताई जाए। साथ ही ओवैसी ने कहा कि एक देश एक चुनाव असंवैधानिक होगा।

सरकार के वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी के ऐलान के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ से मुलाकात की। ये मुलाकात रामनाथ कोविंद के आवास पर हुई। वहां कुछ देर रुकने और पूर्व राष्ट्रपति से विचार-विमर्श के बाद नड्डा लौट गए। वहीं, विपक्षी दलों ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम पर ऐतराज जताया है।

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