G-20: कोणार्क चक्र के सामने दुनिया भर के नेताओं का स्वागत, पीएम मोदी ने बाइडेन को बताई इसकी खासियत | Sanmarg

G-20: कोणार्क चक्र के सामने दुनिया भर के नेताओं का स्वागत, पीएम मोदी ने बाइडेन को बताई इसकी खासियत

नई दिल्ली: जी 20 शिखर सम्मेलन आज से शुरु हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन में शामिल नेताओं का बेहतरीन तरीके से स्वागत किया। भारत मंडप में आयोजित सम्मेलन में पीएम के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल सहित अन्य अधिकारी भी उनके साथ मौजूद थे।

बता दें कि पीएम मोदी जिस जगह पर वैश्विक नेताओं का स्वागत कर रहे थे उसके पीछे स्क्रीन पर 13वीं शताब्दी में बना कोणार्क चक्र लगा था। विदेशी मेहमानों को इसके बारे में भी प्रधानमंत्री मोदी ने बताया। ओडिशा के पुरी स्थित विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के कोणार्क चक्र की प्रतिकृति मेहमानों की स्वागत के समय वहां की शोभा बढ़ा रही थी। इस चक्र को प्रदर्शित कर दुनिया को भारत की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक विरासतों के बारे में भी जानने का मौका मिला है। भारत मंडपम में पीएम मोदी ने जो बाइडेन के अलावा ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और कई अन्य शीर्ष नेताओं का स्वागत किया।

क्या है कोणार्क चक्र की खासियत ?
बता दें कि कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल के समय किया गया था। ये चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, सभ्यता और वास्तुशिल्प की श्रेष्ठता का प्रतीक है। कोणार्क चक्र का घूमना समय, कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है। यह लोकतंत्र के पहिए के शक्तिशाली प्रतीक के रूप में भी काम करता है। ये लोकतांत्रिक आदर्श और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस चक्र से समय की होती है गणना

भारतीय करेंसी नोट पर भी कोणार्क चक्र छपा है। यह 10 रुपए के नोट पर छपा है। इसके पहिए में 8 चौड़ी तीलियां और 8 पतली तीलियां हैं. मंदिर में 24 (12 जोड़े) पहिए हैं। कहते हैं कि इसका उपयोग कर सूर्य की स्थिति के आधार पर समय की गणना की जाती है। पहिए का आकार 9 फीट 9 इंच का है। ये भी माना जाता है कि 12 जोड़ी पहिए साल के 12 महीनों को दर्शाते हैं और 24 पहिए दिन के 24 घंटों के बारे में बताते हैं।

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