
कोलकाता : सनातन धर्म में एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। इस साल अजा एकादशी का व्रत 10 अगस्त 2023, रविवार दिन किया जाएगा।
अजा एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अजा एकादशी के दिन व्रत और भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने से आय, आयु और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट से भी छुटकारा मिलता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस दिन श्री हरि का नाम जपने से पिशाच योनि का भय नहीं रहता।
न पहनें इस रंग के वस्त्र
अजा एकादशी के दिन भूलकर भी काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। इसके स्थान पर भगवान विष्णु के प्रिय रंग अर्थात पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। इसी प्रकार पूजा में भी पीले फूल, पीले फल, पीली मिठाई आदि का इस्तेमाल करना शुभ माना गया है।
भोग में जरूर डालें तुलसी
भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है। ऐसे में उनका कोई भी भोग तुलसी के बिना अधूरा माना जाता है। इसलिए अजा एकादशी के दिन भी भोग में तुलसी का इस्तेमाल अवश्य करें। लेकिन ध्यान रखें कि रविवार और एकादशी तिथि को तुलसी दल उतारना वर्जित माना जाता है। ऐसे में तुलसी के पत्ते एक दिन पहले ही उतार लें।
एकादशी तिथि पर न ग्रहण करें ये चीज
एकादशी तिथि के दिन चावल खाना वर्जित माना गया है। इससे आपका व्रत टूट सकता है। यह नियम केवल व्रत करने वालों के लिए ही नहीं है बल्कि घर में किसी को भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस गलती से बचें
अजा एकादशी को दिन में सोना भी शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से साधन का व्रत टूट सकता है। इसके स्थान पर श्री हरि का ध्यान और भजन कीर्तन करना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु के मंत्र का जाप तुलसी या पीले चंदन की माला से करें।