भाजपा को मिली बढ़त मगर कई बड़े नेताओं के गढ़ में बुरा प्रदर्शन | Sanmarg

भाजपा को मिली बढ़त मगर कई बड़े नेताओं के गढ़ में बुरा प्रदर्शन

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : देश भर की निगाहें पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के नतीजों पर टिकी थीं। पंचायत चुनाव में यूं तो तृणमूल का कब्जा बरकरार रहा। बात करें विपक्ष की तो अब तक जहां ऐसा माना जा रहा था कि वाममोर्चा तेजी से भाजपा को विपक्षी पार्टी के तौर पर पीछे छोड़ रही थी, वहीं अब पंचायत चुनाव के नतीजों ने समीकरण बदल दिये हैं। पंचायत चुनाव में भले ही तृणमूल से काफी पीछे दूसरी पार्टियां हैं मगर भाजपा दूसरे स्थान पर आकर विपक्षी पार्टी का दर्जा बरकरार रखने में कामयाब हो गयी है। बात करें भाजपा के दिग्गज नेताओं की तो कई बड़े नेता अपने संसदीय क्षेत्र में सफल रहे मगर कई के इलाके में भाजपा का प्रदर्शन बुरा रहा।
शुभेंदु और सुकांत के गढ़ में जीती भाजपा
कांथी, नंदीग्राम में तृणमूल को हराकर भाजपा को बढ़त मिली। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अपने गढ़ में भाजपा को जीत दिलायी जिसके बाद समर्थकों ने शुभेंदु के घर के पास जीत का जश्न मनाया। कांथी 3 ब्लॉक के लाउदा ग्राम समेत और 3 ग्राम पंचायतों में भाजपा को लीड मिली। मंगलवार को शुभेंदु अधिकारी अपने शांतिकुंज स्थित घर पर ही थे। कार्यकर्ताओं ने उन्हें अभिनंदन जताया और साथ ही उनके पैर छूकर प्रणाम किये। नंदीग्राम-2 नंबर पंचायत समिति इलाके में बयाल 1 नंबर ग्राम पंचायत है जहां कुल 13 सीटों में से अधिकतर पर भाजपा आगे रही। नंदीग्राम 1 ब्लॉक के भेकुटिया, नंदीग्रााम व हरिपुर ग्राम पंचायत समेत नंदीग्राम 2 ब्लॉक के बयाल 1, बयाल 2 व खोदामबाड़ी 2 ग्राम पंचायत पर भी भाजपा का कब्जा रहा। साहारा ग्राम पंचायत पर भी भाजपा की लीड रही। एगरा के 1 नंबर ब्लॉक के इस ग्राम पंचायत इलाके में खादिकुल गांव है जहां चुनाव से पहले पटाखा कारखाने में विस्फोट हुआ था। नंदीग्राम के दो ब्लॉक को मिलाकर कुल 17 ग्राम पंचायत की सीटें हैं जिनमें 12 पर भाजपा की लीड रही। इसी तरह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के लोकसभा केंद्र बालुरघाट में भाटपाड़ा ग्राम पंचायत टीएमसी के पास थी जिस पर अब भाजपा काबिज हो गयी है। यहां 21 में से 15 सीटों पर भाजपा को जीत मिली।
केंद्रीय मंत्रियों का यह रहा हाल
केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक के बूथ मेटागुड़ी 1 और 2 में भाजपा की जीत हुई मगर उनके संसदीय क्षेत्र दिनहाटा में अधिकतर सीटों पर तृणमूल का दबदबा बरकरार रहा। दिनहाटा 1 ब्लाॅक में सभी 15 सीटों पर तृणमूल जीत गयी, वहीं किसनगंज-2 ब्लॉक में 4 पर भाजपा और 7 पर टीएमसी जीत गयी। माथाभांगा-1 में 9 सीटों पर टीएमसी और 1 पर भाजपा की जीत हुई। कूचबिहार-2 में 2 सीटों पर भाजपा जबकि टीएमसी 11 सीटों पर जीत गयी। माथाभांगा-2 में 4 पर टीएमसी और 5 पर भाजपा जीत गयी। केंद्रीय मंत्री जॉन बारला के क्षेत्र में भी तृणमूल को बढ़त मिली है। यहां कालचीनी में भाजपा के विधायक विशाल लामा और अलीपुरद्वार में सांसद व केंद्रीय मंत्री जॉन बारला हैं मगर यहां सभी 11 ग्राम पंचायतों से तृणमूल आगे है। कालचीनी के अलावा लाटाबाड़ी, राजाभातखावा, मेंदाबाड़ी, चुआपाड़ा, गारोपाड़ा, जयगांव 1 और 2, मलंगी, मेंदाबाड़ी और दलसिंगपाड़ा में भी टीएमसी आगे है। केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के गढ़ में भी तृणमूल आगे रही।
लॉकेट का अपने गढ़ में बुरा रहा प्रदर्शन
भाजपा की वरिष्ठ नेता व सांसद लॉकेट चटर्जी का अपने ही गढ़ हुगली में बुरा प्रदर्शन रहा। यहां लगभग सभी जगहों पर टीएमसी का दबदबा रहा और हुगली में वाममोर्चा को बढ़त मिली। पांडुआ में 16 में से 13 पर टीएमसी की जीत हुई जबकि बलागढ़ में 13 में से 13 सीटों पर टीएमसी जीती। इसी तरह चुंचुड़ा-माेगरा ब्लॉक में 10 पर 10 सीटें टीएमसी को मिली जबकि पाेलबा-दासपुर ब्लॉक में 12 में से 12 सीटों पर टीएमसी का कब्जा रहा। सिंगुर में 27 सीटों पर वाममोर्चा आगे रही जबकि धनियाखाली में भी तृणमूल को बढ़त मिली।
ये सांसद नहीं उतार पाये उम्मीदवार
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष अपने बूथ से उम्मीदवार ही नहीं उतार पाये जिसका नतीजा यह हुआ कि यहां से टीएमसी जीत गयी। वहीं भाजपा सांसद सौमित्र खां की बात करें तो वह भी अपने इलाके में उम्मीदवार नहीं दे पाये थे। ऐसे में विष्णुपुर संसदीय क्षेत्र के जयपुर, कोतुलपुर ,पात्रशायर और इंदास ब्लॉक अंतर्गत सभी 37 ग्राम पंचायतों पर तृणमूल कांग्रेस निर्विरोध कब्जा जमाया। इन चारों ब्लॉक में राज्य के प्रधान विरोधी दल भाजपा ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति के एक भी सीट पर प्रार्थी नहीं दे पाए थे।

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