5वें चीन- साउथ एशिया कोऑपरेशन फ़ोरम की बैठक में सदस्य देशों ने कहा : हम सब विकास की गति में चीन के साथ है | Sanmarg

5वें चीन- साउथ एशिया कोऑपरेशन फ़ोरम की बैठक में सदस्य देशों ने कहा : हम सब विकास की गति में चीन के साथ है

श्रीलंका , मालदीव , नेपाल , पाकिस्तान , भूटान और बांग्लादेशी सरकार से आये प्रतिनिधियों ने आपसी सहयोग और ग्रीन एनर्जी पर रखा अपना पक्ष
भारत से कनफ़ेडरेशन ऑफ़ यंग लीडर्स के चेयरमैन ने कहा : पूरी दुनिया ही परिवार है

कुनमिंग : 5वें चीन- साउथ एशिया कोऑपरेशन फ़ोरम की बैठक चीन के कुनमिंग में आयोजित की गई । इस महत्वपूर्ण आयोजन में चीन और दक्षिण एशियाई देशों श्रीलंका , मालदीव, नेपाल , पाकिस्तान , भूटान, बांग्लादेश से आए विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया। इस वर्ष के मंच का मुख्य विषय “सहयोग पर सहमति बनाना और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना” था। इस संदर्भ में, प्रतिभागियों ने गहन विचार-विमर्श किया और कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सहमति व्यक्त की।

मंच में चर्चा का प्रमुख बिंदु था चीन और दक्षिण एशिया क्षेत्र में विशाल जनसंख्या, बहु-सांस्कृतिक सभ्यताएँ जिनका विकास पूरी दुनिया के कल्याण से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में, चीन और दक्षिण एशियाई देशों के बीच सहयोग को नए स्तर पर ले जाने के लिए निम्नलिखित पांच प्रमुख प्रस्ताव रखे गए।

पहला प्रस्ताव
व्यावहारिक और पारस्परिक लाभकारी सहयोग को गहरा करना। इसके अंतर्गत क्षेत्रीय सहयोग के नए प्रेरणास्त्रोतों का पता लगाना, व्यापार और आर्थिक आदान-प्रदान को मजबूत करना, और बुनियादी ढांचे के निर्माण को सुदृढ़ करना शामिल है। कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा, डिजिटल अर्थव्यवस्था और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में सहयोग को प्राथमिकता दी गई।

दूसरा प्रस्ताव
हरित और निम्न-कार्बन विकास को बढ़ावा देना। इसमें जैव विविधता, प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण संरक्षण, नीली अर्थव्यवस्था के विकास और संरक्षण, और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया।

तीसरा प्रस्ताव
मानव संसाधन विकास और प्रशिक्षण को बढ़ावा देना। विश्वविद्यालयों के बीच अनुसंधान और प्रतिभा विकास में सहयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सहयोग को सुदृढ़ करना शामिल था। “ब्राइटनेस एक्शन” और “हार्ट टू हार्ट” जैसी जन कल्याणकारी परियोजनाओं को भी समर्थन दिया गया।

चौथा प्रस्ताव

सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देना। इसमें संस्कृति, खेल और पर्यटन के क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करना और विभिन्न सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान और आपसी सीख को प्रोत्साहित करना शामिल है।

पांचवां प्रस्ताव
विश्व शांति और सुरक्षा की रक्षा करना। वैश्विक सुरक्षा पहल को गहराई से लागू करना, सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना, और क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है।

भारत से आये प्रतिनिधि ने यह कहा

भारत से कनफ़ेडरेशन ऑफ़ यंग लीडर्स के चेयरमैन हिमदृश सुवान ने कहा कि पूरी दुनिया ही परिवार है। भारत और चाइना दुनिया के 5 बड़ी जनसंख्या वाले देशों में शामिल हैं। हमें मिलकर काम करना चाहिए । भारत की नीति वासुदेव कुटुंबकम् की है। बातचीत से समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की जानी चाहिए।

कॉन्सुल जनरल ने यह कहा

वहीं चीन के कोलकाता में कॉन्सुल जनरल शू वाई ने कहा कि अब भारत को चीन से डायरेक्ट उड़ान की शुरुआत करनी चाहिए । साथ ही वीजा पालिसी में भी सुधार करना चाहिए। वे कोलकाता से वर्चुअली बैठक में शामिल हुए थे। इस दौरान कोलकाता से कुनमिंग पहुँचे कलाकारों ने नृत्य, गीत और कविता पाठ कर भारत की सांस्कृतिक धरोहर से सबका मन मोह लिया। ये सदस्य भारत के यूथ डेलीगेशन का पक्ष रखने के लिए कुनमिंग आये हैं।

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