कोलकाता : आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी है। इस दिन मां के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। वहीं, नवरात्रि के अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन और हवन भी किया जाता है। इस दिन नौ कन्याओं और एक बटुक यानि बालक को भोज कराया जाता है और उन्हें दक्षिणा दी जाती है। इस परंपरा के पीछे कारण यह है कि बच्चे किसी भी नकारात्मक भावनाओं से रहित होते हैं। उन्हें शुद्ध आत्मा के रूप में देखा जाता है। वहीं, इस पूजन में नौ कन्याओं को देवी दुर्गा का रूप माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस बार कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और कंजिका भोग का सही समय क्या है।
अष्टमी कन्या पूजन शुभ मुहूर्त
इस बार कन्या पूजन का 2 शुभ मुहूर्त हैं, पहला सुबह 7 बजकर 51 मिनट से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक और दूसरा अभिजीत मुहूर्त है जो 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक है। आपको बता दें कि महाअष्टमी को कन्या पूजन अभिजीत मुहूर्त में करना सबसे ज्यादा फलदाई होता है।
नवमी तिथि कन्या पूजन शुभ मुहूर्त
आप नवमी को भी कन्या पूजन कर सकते हैं। इसका शुभ मुहूर्त 6 बजकर 27 मिनट से लेकर 7 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
कन्या पूजन विधि
– कन्यापूजन में कन्याओं की उम्र 2 से 10 वर्ष के बीच होनी चाहिए। वहीं, कन्या पूजन में 9 कन्याओं को होना जरूरी है। कन्या भोज की तैयारी कन्याओं को निमंत्रण देने के बाद शुरू करनी चाहिए।
– धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाअष्टमी को माता की पूजा हमेशा पूर्व की दिशा में बैठकर करनी चाहिए।
– कन्या पूजन में कन्याओं को आसन पर बैठाकर उनके पैर धोकर माथे पर तिलक लगाया जाता है। फिर हाथों में कलावा बांधा जाता है। इसके बाद प्रसाद के रूप में नारियल, मसालेदार चना और हलवा पूरी दिया जाता है।
– वहीं, उपहार के रूप में पैसे, गहने, कपड़े आदि सामर्थ्य अनुसार देते हैं। फिर उनका पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा किया जाता है।
– नवरात्रि में महाअष्टमी को महागौरी की पूजा के बाद उत्तर दिशा में रखे कलश का जल पूरे घर में छिड़कना चाहिए। इससे परिवार के सभी सदस्यों को आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है।