अंतिम संस्कार में मदद करने वाले अब नहीं कहे जायेंगे डोम, राज्य सरकार ने दिया ये नया नाम | Sanmarg

अंतिम संस्कार में मदद करने वाले अब नहीं कहे जायेंगे डोम, राज्य सरकार ने दिया ये नया नाम

कोलकाता: राज्य में श्मशान में शवों का अंतिम संस्कार करने में मदद करने वालों को अब डोम नहीं कहा जाएगा। ममता सरकार ने अब उनके नाम को बदल दिया है। उन्हें नया नाम मिल गया है। बुधवार(27 दिसंबर) को कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। डोम को अब से सरकारी रिकॉर्ड में ‘संस्कार कार्यकर्ता’ के रूप में जाना जाएगा। उन्हें इसी नाम से पुकारा जायेगा। इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में पंचायत कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य योजना का लाभ देने, इंजीनियरों को जिला जिलों में स्थानांतरित करने, चाय बागान श्रमिकों को पट्टे सौंपने का भी निर्णय लिया है।

कैबिनेट मंत्री ने दी ये जानकारी

राज्य के जल संसाधन विकास मंत्री मानस भुइयां ने कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि अब राज्य में डोम को अंतिम संस्कार कर्मी कहा जाएगा। खुद मुख्यमंत्री ने भी कहा कि वह इस प्रस्ताव के पक्ष में हैं। वहीं, विभिन्न सरकारी गतिविधियों की नोटबुक में अब ‘डोम’ शब्द नहीं लिखा जाएगा। इन्हें ‘संस्कार कार्यकर्ता’ कहने का फैसला लिया गया। राज्य सरकार की यह पहल दाह संस्कार का काम करने वालों को उचित सम्मान देने के लिए किया है।

बता दें कि कोलकाता नगर पालिका के अंतर्गत विभिन्न श्मशान घाटों में ऐसे 9 दाह-संस्कार कर्मियों की नियुक्ति के निर्णय को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गयी। मुख्यमंत्री के इस फैसले की सराहना की जा रही है। वहीं, इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने मुर्दाघर कर्मियों को ‘मोर्च्यूरी वर्कर’ नाम दिया था।

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