नई दिल्ली: महिलाओं के खिलाफ ईरान में सख्ती बढ़ा दी गई है। हिजाब पहनने को लेकर महिलाओं के लिए नए कानून बना दिए गए है। यहां सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने से मना करनी वाली महिलाओं और उनका समर्थन देने वालों पर जेल की सजा के साथ भारी जुर्माना लगाया गया है। एक साल पहले ईरान में हिजाब को लेकर विवाद हुआ था और पुलिस हिरासत में 22 साल की महसा अमीनी की मौत हुई थी।
दस साल तक की होगी सजा
ईरान की संसद ने एक विधेयक पारित किया है जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने से इनकार करने वाली महिलाओं तथा उनका साथ देने वालों पर भारी जुर्माने और दस साल तक की सजा का प्रावधान है। इसे तीन साल के लिए परीक्षण के आधार पर लागू किया जाएगा। उसके बाद इसे स्थायी कानून बना दिया जाएगा।
इसके अलावा जो दुकानदार हिजाब नहीं पहनीं महिलाओं को सामान बेचते हैं या अन्य प्रकार की सेवाएं देते हैं तो उन कारोबारियों को भी दंडित किया जाएगा। इस विधेयक के पक्ष में 290 सांसदों में से 152 सांसद इसके पक्ष में थे। इसे आगे अंतिम मंजूरी के लिए ‘गार्डियन काउंसिल’ के पास भेजा जाएगा। यह मौलवियों की एक इकाई है जो संवैधानिक निगरानीकर्ता के तौर पर काम करती है।
महसा अमीनी की मौत के बाद हुआ था प्रदर्शन
महसा अमीनी को इस्लामिक परिधान परंपरा का पालन नहीं करने के आरोप में ‘मोरैलिटी पुलिस’ ने हिरासत में लिया था। इसके बाद उसकी पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद ईरान में कई महीनों तक प्रदर्शन हुए थे। सरकार के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया था। कार्रवाई में 500 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए और 22,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया।