एनकाउंटर के दौरान कर्नल मनप्रीत सिंह की आखिरी कॉल, परिवार कभी नहीं भूल सकता ये बात | Sanmarg

एनकाउंटर के दौरान कर्नल मनप्रीत सिंह की आखिरी कॉल, परिवार कभी नहीं भूल सकता ये बात

अनंतनाग: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में मंगलवार को आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई। इस दौरान बुधवार को जारी एनकाउंटर के दौरान सेना के 2 जवान और पुलिस के DSP शहीद हो गए। इसमें एक जवान मोहाली के कर्नल मनप्रीत सिंह (41) भी थे। एनकाउंटर के दौरान वो पहले घायल हुए उसके बाद उनकी शहादत की ख़बर मिली। उनके अलावा ऑपरेशन में मेजर आशीष धोनैक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP हुमायुं भट्ट भी शहीद हो गए। कर्नल मनप्रीत की परिवार से आखिरी बात उनके घायल होने से पहले हुई थी।

एनकाउंटर के दौरान परिवार से हुई थी बात

मनप्रीत सिंह के बहनोई वीरेंद्र गिल ने कहा कि उन्होंने बुधवार सुबह 6.45 बजे मनप्रीत से बात की। गिल ने कहा कि एनकाउंटर के दौरान उनसे बात हुई तो उन्होंने कहा कि वह बाद में बात करेंगे अभी ऑपरेशन चल रहा है। बता दें कि मनप्रीत के परिवार में उनकी पत्नी, मां और दो बच्चे हैं। एक छह साल की बेटी और एक दो साल का बेटा। उनकी पत्नी हरियाणा शिक्षा विभाग में लेक्चरर हैं।जानकारी के मुताबिक वह अगले महीने बेटे के जन्मदिन पर घर आने वाले थे, लेकिन इससे पहले उनके शहादत की खबर ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।

मोहाली के पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार

कर्नल के परिवार को कल शाम को इलाज के दौरान उनकी शहादत की ख़बर मिली। जवान का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव मोहाली के मुल्लांपुर के पास भड़ौंजिया गांव पहुंचेगा। इसके बाद इसी गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव में उनकी शहादत पर शोक की लहर है।

कर्नल को किया गया था सम्मानित

उनकी बहादुरी के लिए उन्हें सेना पदक से सम्मानित किया गया था। कर्नल मनप्रीत दूसरी पीढ़ी के ग्रेवाल सेना अधिकारी थे। कर्नल सिंह ने करीब पांच साल राष्ट्रीय रायफल बटालियन में अपना योगदान दिया। जिसमें से तीन साल उन्होंने सेकेंड इन कमांडिंग के रूप में काम किया और उसके बाद कमांडिंग ऑफिसर के रूप में अपना योगदान दिया।

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