
लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। प्रस्ताव गिरने से पहले पीएम मोदी ने विपक्षी दल पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि 2018 और 2023 के बाद 2028 में उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाने के काम दे रहा हूं।
No Confidence Motion 2023: गुरुवार (10 अगस्त) को अविश्वास प्रस्ताव के तीसरे दिन की चर्चा के बाद विपक्ष को फिर से झटका लगा। दरअसल, विपक्ष की INDIA गठबंधन की ओर से कांग्रेस ने सदन में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। ध्वनिमत से स्पीकर ने प्रस्ताव गिरने का ऐलान किया। क्योंकि पीएम के भाषण के दौरान ही विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया था। इसके बाद NDA गठबंधन की जीत हुई।
पूरा देश मणिपुर के साथ- पीएम
वॉकआउट के बारे में विपक्ष ने प्रधानमंत्री के बोलने के दौरान ही आरोप लगाया कि पीएम मणिपुर के बारे में नहीं बोल रहे हैं। जबकि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के अंत में मणिपुर के बारे में सरकार का पक्ष रखा। मणिपुर के मुद्दे पर पीएम ने कहा कि मणिपुर में जल्द शांति बहाल होगी। इसके लिए हर संभव प्रयास जारी है। मणिपुर में फिर पहले की तरह तेजी से विकास होगा। पीएम ने कहा कि मैं मणिपुर की मांओं, बहनों, बेटियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि पूरा देश मणिपुर के साथ है। वहां जो भी अत्याचार किए जा रहे हैं उसके लिए दोषियों को पकड़-पकड़ कर सजा दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नार्थ-ईस्ट से मेरा इमोशनल लगाव है।
‘2028 में विपक्ष फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएगा’
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि मैंने सदन के नेता के तौर पर 2018 में विपक्ष को काम दिया था कि 2023 में वो अविश्वास प्रस्ताव लेकर लाएं। अब 2028 में फिर से उन्हें प्रस्ताव लाने का काम दे रहा हूं। अगली बार कम से कम थोड़ी तैयारी के साथ आएं। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगली बार कम से कम जनता को लगे कि विपक्ष के वो लायक हैं।
वॉकआउट पर कांग्रेस का बयान
सदन से वॉकआउट करने के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझे लगा कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर को लेकर ‘नीरव’ रहेंगे। मैंने सोचा कि नया नीरव मोदी देखने का क्या फायदा। पीएम जिन बातों को दोहराते हैं वही बात उनके दरबारी भी कह चुके हैं। पीएम को कांग्रेस का डर लगा रहता है। इस बयान के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में प्रस्ताव पेश किया जिसके बाद लोकसभा स्पीकर जांच पूरी होने तक उन्हें सस्पेंड कर दिया। इस मामले में लोकसभा स्पीकर ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी का बर्ताव सदन के अनुरूप नहीं था।
प्रस्ताव गिरना पहले से था तय
INDIA गठबंधन द्वारा लाये अविश्वास प्रस्ताव का गिरना पहले से तय माना जा रहा था। क्योंकि NDA गठबंधन के पास सदन में पूर्ण बहुमत है। जिसमें बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है। इसके बावजूद प्रस्ताव लाने को लेकर विपक्ष का तर्क था कि प्रधानमंत्री के मणिपुर के मुद्दे पर संसद में बयान देने को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
#WATCH | No Confidence Motion defeated in the Lok Sabha through voice vote. https://t.co/hRwQT75Z6n pic.twitter.com/SfPOzCEFNO
— ANI (@ANI) August 10, 2023