West Bengal: सब्जियों की महंगाई रोकने के लिए CM ममता आज करेंगी बैठक | Sanmarg

West Bengal: सब्जियों की महंगाई रोकने के लिए CM ममता आज करेंगी बैठक

कोलकाता : बाजारों में सब्जियों, अंडे और ‘पॉल्ट्री’ मांस की खुदरा कीमतें ऊंची होने के कारण आम आदमी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर हरी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। बढ़ती महंगाई पर सीएम ममता बनर्जी आज मंगलवार को नवान्न में बाजार कमेटियों के साथ बैठक करने जा रही हैं। सीएम ने सोमवार को कहा कि मंगलवार की शाम 4.30 बजे बाजार समिति के साथ बैठक है। उन्होंने कहा कि वहां मूल्य वृद्धि पर चर्चा होगी। सीएम ने कहा कि महंगाई नहीं बढ़नी चाहिए। लगाम कसने के लिए इस पर हमलोग चर्चा करेंगे।

टमाटर की कीमतें उछाल पर, गृहिणी हैं परेशान 

शहर के कई बाजारों में सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि टमाटर की कीमतें एक महीने पहले के 45-50 रुपये से बढ़कर 80-100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। बैंगन 110-140 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है, जो जून की शुरुआत के दाम के मुकाबले करीब 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। करेला, हरी मिर्च और लौकी जैसी कई अन्य सब्जियों की कीमतों में भी औसतन 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्थानीय बाजारों में अंडे और ‘पॉल्ट्री’ मांस की कीमतों में 20-30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पश्चिम बंगाल विक्रेता संघ से जुड़े एक सूत्र ने से कहा कि अब बंगाल में टमाटर अन्य राज्यों से आ रहा है। लू और भारी बारिश के कारण बेंगलुरु और हिमाचल प्रदेश से टमाटर की आपूर्ति कम हो गई है। इसकी वजह यह है कि उत्पादन भी प्रभावित हुआ है।एक गृहिणी राधिका तिवारी ने कहा कि पिछले तीन सप्ताह में सब्जियों, अंडों के दामों में उछाल आया है। टमाटर के दाम दोगुने हो गए हैं और प्याज की कीमतें भी बढ़ती जा रही हैं। आवश्यक वस्तुओं की महंगाई हमें किसी न किसी तरह से परेशान कर रही है।

केंद्र के कारण महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है 
मंत्रीकृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उर्वरकों तथा परिवहन सब्सिडी में किसानों के लिए सहायता कम करने के बाद से लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है, जबकि जलवायु परिस्थितियों ने भी स्थिति को और खराब कर दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार हमारे किसानों को लगातार मदद कर रही है। किसान कच्चे माल की लागत में वृद्धि से प्रभावित हैं। दूसरी ओर केंद्र विभिन्न सब्सिडी में कटौती कर रहा है। इसलिए किसान और आम आदमी दोनों ही परेशान हैं।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास खुदरा वितरण नेटवर्क ‘सुफल बांग्ला’ है, जिसकी दुकानों पर सब्जियां तथा खाद्य सामग्री उचित मूल्य पर बेची जाती है।

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