सौमेंदु को मिली हाई कोर्ट से राहत, जांच में सहयोग भी

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कांथी के रांगामाटी श्मशान घाट के मामले में विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के भाई सौमेंदु अधिकारी को हाई कोर्ट से मंगलवार को राहत मिल गई। जस्टिस अजय मुखोपाध्याय ने इस मामले में सौमेंदु ‌अधिकारी के खिलाफ किसी भी तरह की कठोर कार्रवाई की जाने पर रोक लगा दी। इसके साथ ही कहा कि उन्हें जांच में पूरी तरह सहयोग करना पड़ेगा। उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने के मामले में कोर्ट ने कोई टिप्पणी नहीं की।
जस्टिस मुखोपाध्याय ने अपने आदेश में कहा है कि जब तक सौमेंदु अधिकारी जांच में सहयोग करते रहेंगे तब तक उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की जा सकेगी। अगर जांच एजेंसी को किसी मुकाम पर यह महसूस होता है कि सौमेंदु जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं तो वह उन्हें लिखित रूप में कारण बताओ नोटिस जारी करेगी। इसके दस दिनों के अंदर सौमेंदु अपनी तरफ से कार्रवाई कर सकते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सौमेंदु अधिकारी से पूछताछ और गवाहों का बयान दर्ज किए जाने की वीडियोग्राफी करनी पड़ेगी। यहां गौरतलब है कि सौमेंदु अधिकारी के खिलाफ आरोप है कि उनकी पहल पर रांगामाटी श्मशान मे जमीन दखल करके स्टाल बनाए गए थे। इसके साथ ही उनका एलाटमेंट किए जाने में भी नियमों का पालन नहीं किया गया था। उन दिनों सौमेंदु अधिकारी कांथी नगरपालिका के चेयरमैन हुआ करते थे। कांथी पालिका के मौजूदा चेयरमैन सुबल कुमार मन्ना ने पिछले साल 29 जून को कांथी थाने में सौमेंदु अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी।

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