कोलकाता : पांच मंजिली बिल्डिंग किसी क्षेत्र में बन जाए और नगरनिगम के अफसरों को इसकी खबर ही नहीं हो, ऐसा नहीं हो सकता है। गार्डनरीच में पांच मंजिली बिल्डिंग के धराशायी हो जाने को लेकर दायर पीआईएल की सुनवायी करते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टी एस शिवंगनम ने यह टिप्पणी की। चीफ जस्टिस के साथ जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्या भी थे। चीफ जस्टिस ने संबंधित विभाग को एफिडेविट दाखिल कर के यह बताने का आदेश दिया है कि इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार से सवाल किया है कि इस दुर्घटना में मारे गए लोगों को क्या कोई मुआवजा दिया गया है। इसके साथ ही इस दुर्घटना से बेघर हुए लोगों को बसाने के लिए क्या उपाय किए गए हैं इसके बाबत राज्य सरकार को एफिडेविट के साथ जवाब देना पड़ेगा। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस बाबत पंचायत से लेकर नगरपालिका और नगरनिगम तक में एक मॉनिटरिंग सेल होना चाहिए।
‘सीमा पर एक जवान को कमजोर राइफल दे कर भेज दे तो वह शहीद हो जाएगा’: फिर उन्होंने मौजूदा व्यवस्था की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि अगर आप सीमा पर एक जवान को कमजोर राइफल दे कर भेज दे तो वह शहीद हो जाएगा। यहां भी इसी तरह की व्यवस्था है। दो पुलिस वाले मोटर साइकिल से जाते हैं तो लोग हमला कर के उन्हें भगा देते हैं। यहां आदेश लागू करने के लिए सक्षम मशीनरी के नहीं होने का संकट है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर सैंशन प्लान लेकर मकान बनाने के लिए बालू और ईट इकट्ठा करते हैं तो तत्काल संदेशवाहक पहुंच जाएंगे। अगर सैंशन प्लान नहीं है तो कोई संदेशवाहक नहीं आएगा क्योंकि डील हो चुकी होती है। राकेश सिंह ने यह पीआईएल दायर की है। उनकी तरफ से पैरवी करते हुए एडवोकेट विकास रंजन भट्टाचार्या ने कहा कि कोलकाता नगरनिगम लाचार हो चुका है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने यह निर्माण कराने दिया था उन्हीं को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एडवोकेट भट्टाचार्या ने कहा कि वाटर बॉडी पाट कर बिल्डिंग बनायी गई हैं। चीफ जस्टिस ने हावड़ा मेट्रो का हवाला देते हुए कहा कि अगर वाटरबॉडी पाट कर बिल्डिंग बनायी जाए तो इस पर बहुत लागत आएगी। चीफ जस्टिस ने आदेश दिया कि एफिडेविट दाखिल होने के बाद चार अप्रैल को अगली सुनवायी होगी। इसी दिन विधाननगर के अवैध निर्माण के मामलों की भी सुनवायी होगी।