EDFC कॉरिडोर से बंगाल में नौकरियों में होगी बढ़ोतरी | Sanmarg

EDFC कॉरिडोर से बंगाल में नौकरियों में होगी बढ़ोतरी

कोलकाता: भारतीय रेल की ओर से ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) बन कर तैयार हो चुका है। इसके रूट पंजाब से बंगाल तक फैला हुआ है। कॉरिडोर कुल 1337 किलोमीटर में फैला गया है। इस बनाने में कुल 51 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इससे कोयले की आपूर्ति में बेहतर लाभ होगा। बिजली उत्पादन के लिए कोयला ले जाने में कम समय लगेगा। इस फ्रेट कॉरिडोर के शुरू होने से हरियाणा, पंजाब, यूपी और दिल्ली के बिजली उत्पादन करने वाले प्लाटों को काफी लाभ मिलेगा। इसके अलावा रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे। माल ढुलाई से लेकर अन्य कामों में लोगों की जरूरत बढ़ेगी।

हाल ही में हुआ था ट्रायल

बता दें कि हाल में इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर साहनेवाल से खुर्जा मालगाड़ी चलाने का ट्रायल किया गया था, जो पूरी तरह से सफल रहा है। इस दौरान 389 किलोमीटर ट्रैक तक मालगाड़ी का संचालन किया गया। इस मालगाड़ी में 46 खाली वैगन और एक ब्रेक कोच था। सफल ट्रायल के बाद इस कॉरिडोर का 1337 किलोमीटर का ट्रैक अब पूरी तरह से अप्रेरशनल हो जाएगा। इससे व्यापार और मालों की आवाजाही में बहुत फायदा होगा।

मालगाड़ी के लिए स्पेशल ट्रैक

अधिकारियों की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक सफल ट्रायल की रिपोर्ट रेलवे बोर्ड और अन्य आला अधिकारियों को भेज दी गई थी। सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक नंवबर से इस ट्रैक पर मालगाड़ियां चलना शुरू कर देगी। उल्लेखनीय है कि इस पूरे कॉरिडोर की लंबाई 1854 किलोमीटर है। इसमें सोनपुर से डानकुनी तक का 500 किलोमीटर ट्रैक रेलवे विभाग पीपी मोड में तैयार कर रहा है। इसे बाद में मल्ट्री ट्रैकिग से जोड़ा जाएगा। शंभू, खुर्जा, दादरी, भावपुर, खतौली, डीडीयू व सोन नगर से बंगाल के डानकुनी तक ट्रैक चलेगा। इस कॉरिडोर के शुरू होने से माल ढुलाई परिवहन में इजाफा होगा। एक अनुमान के मुताबिक 70 प्रतिशत मालगाड़ी इस कॉरिडोर के ट्रैक पर दौड़ेंगी। कॉरिडोर चालू होने से नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे।

 

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