झिली ने 169 किग्रा (75 किग्रा और 94 किग्रा) वजन उठाकर पिछली बार की तरह रजत पदक जीता। ज्ञानेश्वरी ने कहा, ‘मुझे ना केवल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने बल्कि अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने की भी खुशी है।’ उन्होंने कहा, ‘प्रतियोगिता से पहले मैं अच्छा महसूस नहीं कर रही थी। मुझे उल्टी आ रही थी।’ स्पर्धा के दौरान 49 किग्रा वर्ग में मीराबाई और अन्य भारतीय भारोत्तोलकों के बीच का अंतर साफ दिखा।
मणिपुर की इस भारोत्तोलक ने टोक्यो ओलंपिक के 49 किग्रा वर्ग में 202 किग्रा (87 किग्रा और 115 किग्रा) वजन उठाकर रजत पदक जीता था। मीराबाई ने टोक्यो ओलंपिक में बुधवार को स्नैच में ज्ञानेश्वरी के प्रयास से 10 किग्रा अधिक जबकि क्लीन एवं जर्क में 21 किग्रा अधिक वजन उठाया था। पुरुष 55 किग्रा वर्ग में दो भारोत्तोलकों के बीच मुकाबला रहा। भारत के मुकुंद अहेर चैंपियन बने। जूनियर वर्ग में भी चुनौती पेश कर रहे मुकुंद ने 239 किग्रा (106 किग्रा और 133 किग्रा) वजन उठाया जबकि बांग्लादेश के मोहम्मद अशिकुर रहमान ने 207 किग्रा (92 किग्रा+115 किग्रा) वजन उठाकर रजत पदक जीता। सुबह के सत्र में भारत की कोमल कोहर ने महिला 45 किग्रा वर्ग में मेजबान टीम को स्वर्ण पदक दिलाया। यह गैर ओलंपिक वर्ग है।कोमल ने तीन खिलाड़ियों के बीच 154 किग्रा (68 किग्रा और 86 किग्रा) वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता। स्नैच में उनका केवल एक प्रयास वैध था। श्रीलंका की श्रीमाली समरकून दिविशेकर मुदियानसेलागे ने कुल 146 किग्रा (61 किग्रा और 85 किग्रा) वजन उठाकर रजत पदक जीता जबकि माल्टा की किम लेगानो 134 किग्रा (58 किग्रा और 76 किग्रा) वजन उठाकर तीसरे स्थान पर रहीं। माल्टा की इस भारोत्तोलक ने सीनियर, जूनियर और युवा तीनों वर्ग में पदक जीते।