Kolkata News : … तो एक झटके में बेघर हो जायेंगे 20 हजार परिवार | Sanmarg

Kolkata News : … तो एक झटके में बेघर हो जायेंगे 20 हजार परिवार

–  प्रभावित होंगे 20 हजार से अधिक परिवार

– तो विधाननगर के सैकड़ों मकान टूट जायेंगे

आनंद मोहन झा

कोलकाता : विधाननगर नगर निगम इलाके में अवैध निर्माण को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने विधाननगर नगर निगम को विभिन्न मकानों का सर्वे कराकर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। दरअसल वर्ष 2020 में तृणमूल नेता सब्यसाची दत्ता ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी । उन्होंन अपने रिट में आरोप लगाया था कि विधाननगर नगर निगम इलाके में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। उक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने विधाननगर नगर निगम को सर्वे कराकर कहां-कहां अवैध निर्माण हुआ है उस पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इसी के तहत विधाननगर नगर निगम ने वार्ड नं. 35 एवं 36 नंबर के आरए ब्लॉक के विभिन्न मकानों का सर्वे किया।

2 से 3 महीने के अंदर पूरी की जायेगी सारी प्रक्रिया

उसके बाद इलाके में 3 दिन तक अवैध तरीके से निर्मित पाए गए मकानों की सुनवाई करने के बाद अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए आदेश जारी किया है। इसके चलते अब इलाके के करीब 20 हजार परिवार अपना घर गंवाने जा रहे हैं । अचानक ही नगर निगम तत्परता दिखाते हुए 2 से 3 महीने के अंदर सारी प्रक्रिया निपटाना चाहती है। क्योंकि विधाननगर नगर निगम कमिश्नर को नियमित रूप से मामले की अपडेट की जानकारी हाईकोर्ट को देनी पड़ रही है । इसलिए विधाननगर नगर निगम पूरी तत्परता के साथ कानूनी प्रक्रिया को मानते हुए तेजी से काम निपटाने में लगी हुई है। इसलिए 3 सुनवाई के बाद जो मकान या फ्लैट या फिर जमीन अवैध पाया गया है उसे खाली करने या तोड़ने की निर्देश विधाननगर नगर निगम द्वारा दिया गया है।

पुलिस ने क्यों कोई कारगर कदम नहीं उठाया ?

वहीं दूसरी ओर इस मामले में सवाल उठता है कि है इतने दिनों तक विधाननगर इलाके में जो अवैध निर्माण हुआ है उसे रोकने के लिए स्थानीय पार्षद या फिर पुलिस ने क्यों कोई कारगर कदम नहीं उठाया। प्रभावित लोगों ने भी इस विषय को लेकर कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है पर चिंता है कि विधाननगर नगर निगम रातों-रात कोई बड़ा फैसला लेते हुए मकान तोड़ने की कार्रवाई शुरू ना कर दे।

क्या कहना है मेयर का?

इस मामले में विधाननगर की मेयर कृष्णा चक्रवर्ती ने बताया कि मामला कोर्ट में लंबित है इसलिए वे कोई अपना पक्ष नहीं रखना चाहती हैं। हालांकि 40 से अधिक वर्षों से लोग वहां रह रहे हैं, इसलिए उन लोगों को किस तरह से कानूनी सहायता प्रदान की जाए इसके लिए नगर निगम के लीगल सेल काम कर रही है।

क्या कहना है सब्यसाची दत्ता का

अवैध निर्माण को लेकर सब्यसाची दत्त ने बताया कि उन्होंने पूरे विधाननगर इलाके में हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ ही कोर्ट में रिट दायर की थी । इसमें कोई विशेष इलाके को चिन्हित नहीं किया गया था । अगर विधाननगर नगर निगम चाहे तो जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है उन लोगों को कानूनी सहायता प्रदान कर सकती है । इसके अलावा भी राज्य सरकार बिल्डिंग एक्ट में अमेंडमेंट कर अवैध निर्माण को रेगुलराइज कर सकती है । इसके साथ ही प्रभावित लोग भी कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पास अपनी याचिका दायर कर सकते हैं। हो सकता है कोई रास्ता निकल आए।

 

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