Vietnam News : वियतनाम की ‘सबसे अमीर’ महिला को मिली सजा-ए-मौत

Vietnam News : वियतनाम की ‘सबसे अमीर’ महिला को मिली सजा-ए-मौत
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वियतनाम : वियतनाम में देश के सबसे अमीर लोगों में शुमार प्रॉपर्टी टायकून ट्रूओंग माय लैन को मौत की सजा सुनाई गई है। माय लैन पर ठगी का आरोप लगा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने साइगॉन कमर्शियल बैंक (एससीबी) से एक लाख करोड़ रुपये ठग लिए। ऐसा उन्होंने 11 साल में किया। वियतनाम में लैन का नाम काफी मशहूर है, वह देश की बड़ी प्रॉपर्टी डेवलपर कंपनी 'वान थिन्ह फैट' की चेयरवुमन हैं। माय लैन को साल 2022 में गिरफ्तार किया गया था, इनपर फ्रॉड के साथ बैंकिंग नियमों का उल्लंघन और रिश्वतखोरी के आरोप लगे हैं। इस घटना को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट छापी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक लैन के अलावा 85 और लोगों को जेल की सजा हुई है। इस मामले में 5 हफ्तों से जारी सुनवाई के बाद अब जिन लोगों को सजा हुई है उनमें पूर्व केंद्रीय बैंकर, पूर्व सरकारी अधिकारी और कुछ पूर्व SCB अधिकारी जैसे लोग शामिल हैं। इस मामले में माय लैन के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे वकीलों ने कड़ी कार्रवाई के साथ माय लैन को सजा-ए-मौत सुनाए जाने की मांग की थी।

ऑडिट करने वाले अधिकारियों को दी रिश्वत
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रॉपर्टी टायकून ट्रूओंग माय लैन ने साल 2012 से 2022 तक अपने पॉवर का इस्तेमाल करके साइगॉन कमर्शियल बैंक (एससीबी) से गलत तरीक से लोन लिए। इन पैसों में से कुछ अपने पास रखे और कुछ फ्राॅड को छुपाने के लिए ऑडिट करने वाले अधिकारियों को दे दिए। इस लेनदेने में एससीबी बैंक को भारी नुकसान उठाना पड़ा। वियतनामी मीडिया के मुताबिक, साल 2012 से 2022 के बीच लैन और उसके सहयोगियों ने एससीबी बैंक से 3.66 लाख करोड़ के कुल 2500 लोन लिए। रिपोर्ट के मुताबिक, लैन और उसके सहयोगियों ने बैंक के कुल लोन का अकेले ही 93 फीसदी रकम ले लिया था। लैन पर एससीबी बैंक को 2.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

लैन के पास बैंक पर था मालिकाना हक
वीएन एक्सप्रेस इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, लैन के वकीलों ने कोर्ट में कहा था कि लैन ने कोई ठगी नहीं की है क्योंकि उनके पास बैंक में कोई आधिकारिक पद नहीं था। दूसरी तरफ कोर्ट ने कहा कि लैन के पास अलग-अलग लोगों के माध्यम से बैंक पर 91.5 फीसदी मालिकाना हक था, वह बैंक की सर्वोच्च अधिकारी थी। लैन ने अपने मुताबिक अधिकारियों की बैंक में भर्ती की थी। बैंक से लोन लेने के बाद इन्होंने काफी पैसे ऑडिटर्स को दे दिए और एक लाख करोड़ अपने पास रखे।

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