कोलकाता : 6 साल पहले एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के परिसर में एक प्लास्टिक के बैग से 16 पिल्लों के शव बरामद किये गये। इसके साथ ही दो कुत्तों को घायल अवस्था में बरामद कर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें दो महिलाओं को पिल्लों को डंडे से पीटते हुए देखा गया था। यह वीडियो सामने आते ही राज्य भर के पशु प्रेमियों का गुस्सा उमड़ पड़ा था। लोगों ने अभियुक्तों पर कार्रवाई की मांग की थी। घटना के 6 साल बाद भी एनआरएस की घटना में घायल हुए दो कुत्ते अब भी उस नृशंस घटना के गवाह हैं। उस समय उन दो घायल कुत्तों को न्यू अलीपुर थाना के तत्कालीन ओसी व वर्तमान में जोड़ासांको थाना के ओसी मृणाल कांति मुखर्जी ने गोद लिया था। उन्होंने थाने में लाकर उन्हें रखा और उनकी देखरेख और भोजन की व्यवस्था की। उन्होंने दोनों कुत्तों के नाम भोलू और कालू रखे हैं। भोलू और कालू से शुरू हुए परिवार में अब सदस्यों की कुल संख्या बढ़कर 12 हो गयी है।
ओसी मृणाल कांति मुखर्जी पिछले 6 सालों में रिजेंट पार्क, मानिकतल्ला और जादवपुर थाने के ओसी रह चुके हैं। इस दौरान उनके तबादले के साथ ही कालू और भोलू का भी घर बदलता रहा। अब जोड़ासांको थाने में ओसी बनने के बाद गुरुवार की रात को कालू और बोलू को जादवपुर से जोड़ासांको थाने लाया गया। यहां पर उनके कमरे की व्यवस्था की गयी है।
आग में फंसे कुत्तों को भी लिया था गोद
भोलू और कालू के परिवार में एक और सदस्य वर्ष 2021 तब जुड़ा जब रिजेंट पार्क के एक मकान में आग लग गयी। मकान में आग लगने के कारण वहां एक कुत्ता फंस गया था। पुलिस और दमकल ने कुत्ते को उद्धार किया। इसके बाद रिजेंट पार्क थाना के तत्कालीन ओसी मृणाल कांति मुखर्जी ने उसे भी भोलू और कालू की तरह अपने परिवार का सदस्य बना लिया। यह सिलसिला दिन प्रतिदिन बढ़ता चला गया। मानिकतल्ला और जादवपुर थाने में अपने कार्यकाल के दौरान ओसी जोड़ासांको मृणाल कांति मुखर्जी का श्वानों के प्रति प्रेम कम नहीं हुआ। अब उनके इस परिवार में सदस्यों की संख्या 12 हो गयी है। फिलहाल जोड़ासांको थाने के कमरे में भोलू व कालू सहित सभी 12 कुत्तों के रहने की व्यवस्था की गयी है।