प्राथमिक स्कूलों में पांचवीं कक्षा को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू | Sanmarg

प्राथमिक स्कूलों में पांचवीं कक्षा को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू

कोलकाता : राज्य के सैकड़ों प्राथमिक स्कूल काफी बुरी हालत में हैं। ऐसे में अब प्रत्येक ब्लॉक व पालिका से 10-10 करके प्राथमिक स्कूलों का चयन कर मरम्मत का काम शुरू करने के लिये शिक्षा विभाग ने पहल की है। इसके साथ ही उन प्राथमिक स्कूलों में नया क्लासरूम बनाकर चौथी कक्षा के साथ ही पांचवीं कक्षा चालू की जा सकती है या नहीं, इसे लेकर भी समीक्षा करने के लिये कहा है।

यहां उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर पर पांचवीं कक्षा को शामिल करने की बात कही गयी है। राज्य के कुछ प्राथमिक स्कूलों में वर्ष 2018 से पांचवीं कक्षा को शामिल करना चालू होने के बावजूद अधिकांश प्राथमिक स्कूलों में पांचवीं कक्षा नहीं है। ऐसी परि​स्थितियों में पांचवीं कक्षा को शामिल करने की पहल का शिक्षकों के एक वर्ग ने स्वागत किया है। हालांकि उनमें से एक वर्ग का आरोप है कि प्राथमिक स्कूलों में पांचवीं कक्षा को शामिल करने पर केवल स्कूल भवन की मरम्मत करने पर ही नहीं होगा। इससे अधिक आवश्यक शिक्षकों की नियुक्ति है। शिक्षकों ने कहा कि काफी प्राथमिक स्कूल हैं जहां स्थायी शिक्षक केवल एक हैं। उन स्कूलों में पांचवीं कक्षा को शामिल करने के बाद स्टूडेंट्स की संख्या बढ़कर 70 हो सकती है। ऐसे में उन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने पर पढ़ाई की गुणवत्ता काफी कम हो सकती है। इसके अलावा शिक्षकों के एक वर्ग का यह भी सवाल है कि प्रत्येक ब्लॉक अथवा पालिका से शिक्षा विभाग जिन 10-10 करके प्राथमिक स्कूलों को चिह्नित करने के लिये कहा गया है, वह चयन किस आधार पर किया जायेगा ? प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक संगठनों के कई सदस्यों के अनुसार, कौन से स्कूल की हालत कैसी है, इसकी समीक्षा सरकारी इंजीनियरों को करनी चाहिये। बंगीय शिक्षक व शिक्षा कर्मी समिति के महासचिव स्वपन मण्डल ने कहा, ‘वर्ष 2018 से यह चालू किया गया था और अब तक खत्म हो जाना चाहिये था, लेकिन नहीं हुआ। राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण ऐसा नहीं हो पाया। केवल प्राथमिक स्कूलों को मरम्मत के लिये रुपये दिये जायेंगे, लेकिन काफी हायर सेकेंडरी स्कूलों की हालत भी खराब है। उन्हें क्यों मरम्मत के लिये रुपये नहीं दिये जायेंगे ?’

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