हार्ट अटैकः बस देना होगा इन 12 संकेतों पर ध्यान

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कोलकाताः हार्ट अटैक आज के समय की सबसे आम मौत का कारण बन चुकी है। लोगों की माने तो यह हार्ट अटैक एक अचानक घटने वाली घटना है। लेकिन आम राय के विपरीत, दिल का दौरा पड़ने की शुरुआत अक्सर एक झटके के साथ होती है, अचानक किसी विस्फोट की तरह नहीं। दरअसल, हार्ट अटैक के लक्षणों पर ध्यान नहीं देते हैं। हाल ही में 500 से अधिक महिलाओं के पर हुए एक स्टडी के अनुसार हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले से ही शरीर वार्निंग साइन देने लगता है।
क्या है स्टडी
जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले से ही इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। रिसर्च में 500 से अधिक महिलाओं को शामिल किया गया था जो दिल का दौरा पड़ने से बच गई थीं। कुल प्रतिभागियों में से 95 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने देखा कि उनके दिल के दौरे से एक महीने पहले से ही शरीर में कुछ लक्षण दिखाई दे रहें थे। जहां 71 प्रतिशत ने थकान को एक सामान्य लक्षण बताया, वहीं 48 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें नींद से संबंधित समस्याएं हुई। कुछ महिलाओं ने सीने में दर्द भी, छाती में दबाव, दर्द या जकड़न का अनुभव करने की भी बात कहीं।
हार्ट अटैक के लक्षण

  • थकान
  • नींद की दिक्कत
  • खट्टी डकार
  • चिंता
  • दिल की धड़कन तेज होना
  • हाथ में कमजोरी/भारी
  • सोच या याददाश्त में बदलाव
  • दृष्टि परिवर्तन
  • भूख में कमी
  • हाथ पैर में झुनझुनी
  • रात में सांस लेने में कठिनाई

​ये है हार्ट अटैक की सबसे आम वजह

  • मोटापा
  • डायबिटीज
  • हाई कोलेस्ट्रॉल
  • हाई बीपी
  • धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन
  • हाई फैट डाइट​
हार्ट अटैक से बचाव है जरूरी
हार्ट को सेफ रखने के लिए एक स्वस्थ, संतुलित आहार लें और प्रोसेस्ड, शुगर वाले पदार्थों का सेवन कम करें। साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ वजन बनाए रखें, अपने रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करें। यदि आप शराब पीने वाले या धूम्रपान करने वाले हैं, तो उन्हें धीरे-धीरे छोड़ दें या उन्हें कम कर दें।​
जाने कैसे देते हैं सीपीआर

यदि आप में दिल के दौरे के लक्षण विकसित होते हैं, तो तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए अपने नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को अचानक दिल का दौरा पड़ता है और उसे सांस लेने में कठिनाई होती है, तो शरीर में रक्त के प्रवाह को बनाए रखने या बहाल करने के लिए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) शुरू करें। एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर कार्डियक अरेस्ट के पहले कुछ मिनटों में सीपीआर किया जाए तो यह किसी व्यक्ति के बचने की संभावना को दोगुना कर सकता है।

 

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