कोलकाता : भारत में चावल लोगों की डेली डाइट का हिस्सा है। कभी लोग चावल की बिरयानी तो कभी पुलाव या कभी-कभी खिचड़ी या दाल-चावल बनाकर खाते हैं। हालांकि, डायबिटीज वालों के लिए यह बहुत नुकसानदायक माना जाता है। दरअसल, सफेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा होता है और ये कार्बोहाइड्रेट से भरपूर हैं। ऐसे में इसे खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
क्या कहती है स्टडी
स्टडी में विशेषज्ञों ने सुगंधित जोहा चावल के न्यूट्रास्युटिकल गुणों का विश्लेषण किया है। इसमें उन्होंने पाया कि चावल में पाए जाने वाले दो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड यानी (ओमेगा -6) और (ओमेगा -3) कई फिजियोलॉजिकल कंडीशन को ठीक रखने में मदद कर सकते हैं। इस चावल का उपयोग चावल की भूसी का तेल बनाने के लिए भी किया जाता है। कहते हैं कि जोहा चावल बासमती से कम नहीं है। इसकी खासियत के कारण ही इसे जीआई टैग दिया गया है। कहने को इसकी सुगंध बासमती जैसी नहीं है, लेकिन ये अपने स्वाद और खुशबू के लिए पूरे भारत में मशहूर है। यह शाकाहारी और वीगन लोगों के लिए प्लांट बेस प्रोटीन का काम करता है।