
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली: कहते हैं सपनों की कोई उम्र नहीं होती। बाकी लोग सिर्फ ये कहते हैं, पर फर्राटा धाविका 95 वर्षीय दादी भगवानी देवी डागर ने इसे धरातल पर उतार कर सच कर दिखाया है। जिस उम्र में बुजुर्ग चल-फिर भी नहीं पाते, उस उम्र में भगवानी देवी दौड़ती हैं। वे दौड़ में केवल भाग नहीं लेतीं, बल्कि लगभग हर बार पदक जीतकर तिरंगा लहराती हैं। उनका यही जोश, जुनून और जज्बा उन्हें बनाता है ‘अपराजिता‘। इसी जोश और जज्बे के साथ इस बार दादी जा रही हैं पोलैंड के तोरन में वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स इंडोर चैंपियनशिप में भाग लेने और उनकी इस यात्रा की पूरी जिम्मेदारी ली है ‘सन्मार्ग अपराजिता‘ ने।
हरियाणा के खेड़का गांव में पैदा हुईं और मात्र 12 वर्ष की उम्र में ब्याह दी गईं भगवानी देवी ने 84 की उम्र में खिलाड़ी बनने का अपना सपना पूरा करने की ठानी और उतर गईं रेस के ट्रैक पर। एक दशक में उन्होंने साबित कर दिखाया कि असली जिंदगी वही है जिसमें कुछ कर गुजरने का उत्साह हो, फिर उम्र भले कुछ भी हो। अब अपराजिता का मंच उनके सपने को पूरा करने में साधन बन रहा है।
सन्मार्ग अपराजिता की अवार्ड विजेता हैं दादी
भगवानी देवी के इसी जज्बे को देखते हुए सन्मार्ग अपराजिता की जूरी ने उन्हें धूत प्रेजेंट्स सन्मार्ग अपराजिता पावर्ड बाय बीएमडी, टेक्नो एवं बंगाल एनर्जी यू इंस्पायर-स्पोर्ट्स जूरी अवार्ड 2022 से नवाजा था। अपराजिता ने न केवल दादी की पोलैंड यात्रा की जिम्मेदारी ली है, बल्कि देश में खेलों में महिलाओं को आगे बढ़ाने में अपराजिता निरंतर अपना योगदान दे रहा है। इससे पहले ओलंपिक खेलने जापान गईं टेबल टेनिस खिलाड़ी सुतीर्था मुखर्जी, नेत्रहीन होकर भी खेल में कीर्तिमान रच रहीं रक्षिता राजू और तीरंदाज सुमन पूर्ति को भी अपराजिता ने अपने मंच के माध्यम से पुरस्कार और प्रोत्साहन दिया।
पोलैंड से भी तिरंगा लहराएंगी दादी : विकास
इससे पहले फिनलैंड में आयोजित वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दादी ने 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने यह दौड़ 24.74 सेकंड में पूरी की। उनकी यह उपलब्धि इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि यह विश्व रिकॉर्ड से मात्र 1 सेकेंड पीछे थी। दौड़ के साथ-साथ उन्होंने शॉटपुट में भी कांस्य पदक जीता था। उनके कोच व पोते अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी विकास डागर ने बताया कि भगवानी देवी ने अब तक 6 राष्ट्रीय स्वर्ण पदक, 6 राज्य स्वर्ण पदक और साथ ही नेशनल रिकॉर्ड और वर्ल्ड चैंपियनशिप रिकॉर्ड के साथ वर्ल्ड चैंपियनशिप का गोल्ड मेडल और 2 कांस्य पदक के साथ कुल 3 अंतरराष्ट्रीय पदक अपने नाम किए हैं। विकास डागर ने बताया कि पोलैंड में होने वाली इंडोर वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए दादी बिल्कुल तैयार हैं।