Sanmarg Aparajita : विदेशी धरती पर देश का परचम लहराकर भारत लौटीं ‘दादी’

नई दिल्ली: उम्र बस एक संख्या (Age is just a number) है और कुछ नहीं। जी हां, दिल्ली की भगवानी देवी ने तो यही साबित कर दिया है। उम्र के जिस पड़ाव में लोगों के हाथ-पैर नहीं हिलते हैं। उस उम्र में भगवानी देवी ने तीन-तीन स्वर्ण पदक जीतकर हैरान कर दिया। उन्होंने 60 मीटर दौड़ के साथ डिस्कस थ्रो और शॉटपुट की प्रतियोगिताओं में 3 स्वर्ण पदक जीतकर देश का मान सम्मान बढ़ाया है। भगवानी देवी 95 साल की हैं और दिल्ली के नजफगढ़ स्थति मलिकपुर गांव की रहने वाली हैं। उनके हौंसले को उड़ान भरने में अपराज‌िता ने महत्वपूर्ण भूमकिा निभाई है।
अपराजिता बना है प्रायोजक

भगवानी देवी डागर (Bhagwani Devi Dagar) स्पोर्ट्सपर्सन के साथ हमारी अपराजिता यात्रा की साथी भी हैं। पिछले साल अप्रैल महिने में हमारी टीम (अपराजिता) ने इस 95 वर्षीय ‘जाट’ महिला को “पीला” पदक के लिए दौड़ने के लिए तैयार किया। अपराजिता की टीम ने जब उनसे मुलाकात की थी, तभी उनके आत्मविश्वास ने पदक पक्का कर दिया था। 2022 में अपने 11वें संस्करण के लिए अपराजिता – सैल्यूटिंग वुमनहुड परिवार के साथ उनका स्वागत किया गया, जहां उन्हें यू इंस्पायर – जूरी अवार्ड से सम्मानित किया गया।

सन्मार्ग के साथ है दादी का खास रिश्ता

इस साल 23 फरवरी को वह 43वीं नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए कोलकाता में थी और निश्चित रूप से अपराजति टीम ने उनकी देखभाल की। वहां विकास डागर ने अपराजिता टीम को बताया क‌ि पोलैंड में 9वीं वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 (World Masters Athletics Indoor Championships 2023) का आयोजन होने जा रहा है और उन्हें सपोर्ट की जरूरत है। अपराजिता ने ‘अपराजिता’ होने का फैसला करते हुए पोलैंड, वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दादी के लिए एकमात्र प्रायोजक बनने का फैसला किया।
कहते हैं न क‌ि कड़ी मेहनत और प्रार्थना हमेशा फल देती है। आज दादी इस विश्वास को भी पुष्ट करती हैं कि उम्र, शिक्षा, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद हर महिला के पास उड़ान भरने और असंभव को हासिल करने के पंख हैं। वह अपराजेय है, अजेय वह “अपराजिता” है। इसे ही साबति करते हुए दादी ने भारत को गौरवान्वित किया और 3 स्वर्ण पदक जीते।

लोगों ने किया जोरदार स्वागत
भारत आने पर लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर भगवानी देवी ने लोगों को एक संदेश देते हुए कहा कि ‘अपने बच्चों को पढ़ाओ-लिखाओ, दौड़ करवाओ…ताकि वे देश के लिए मेडल जीतें’ , एथलेटिक्स इनडोर चैंपियनशिप 2023 में एथलीट भगवानी देवी 60 मीटर दौड़, डिस्कस थ्रो और शॉटपुट की प्रतियोगिताओं में 3 स्वर्ण पदक जीतकर देश का मान सम्मान बढ़ाने का काम किया है।

अपराजिता का संकल्प हुआ और मजबूत
अपराजिता ने 11 वर्ष पूर्व जो सपना देखा था, जो संकल्प लिया था, वह दादी की जीत के साथ और मजबूत, और बड़ा हो गया है। अपराजिता ऐसा मंच है जो हर सपने देखने वाली महिला को उनको पूरा करने में साथ खड़ा होता है।
इन खेलों में जीते स्वर्ण पदक
दादी ने 60 मीटर दौड़, शॉटपुट और डिस्कस थ्रो में सबको पीछे छोड़कर स्वर्ण पदक जीते। अब दादी का अगला लक्ष्य नवंबर, 2023 में फिलिपींस में होने वाली एशियन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप जीतना है।

दादी का हुआ भव्य स्वागत

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