नई दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले देश भर से अयोध्या में बनें बेसन के लड्डू की अभूतपूर्व मांग आ रही है। 22 जनवरी को गांव-गांव में बांटने के लिए किलो मे नहीं बल्कि क्विंटल में ऑर्डर आ रहे हैं। आलम ये है कि युद्धस्तर पर लड्डू बन रहे हैं। पिछली सदी से अयोध्या में हनुमानगढ़ी पर लड्डू और पेड़े की दुकान चलाने वाले विकास गुप्ता ने बताया कि उनके पास दस क्विंटल से ज्यादा का ऑर्डर है और ये सिर्फ एक दुकान की बात है। दूर-दराज के गांवों से लोगों के फोन आ रहे हैं और वो अपने इलाके में अयोध्या का ही प्रसाद बांटना चाहते हैं, जिसकी वजह से लड्डू के लिए बार-बार कर रहे हैं। दरअसल, ये बेसन का लड्डू दो महीने से ज्यादा चल जाता है जिसकी वजह से मकुन दाना/मखाना/इलाईची दाना से अधिक इसकी मांग हो रही है। अयोध्या का खुरचन पेड़ा भी मशहूर है पर इसके खराब होने या फिर टूट जाने से वो ठीक नहीं होता है पर लड्डू अगर फूटा तो दोबारा बन जाएगा।
बेसन के लड्डू के बढ़े दाम
बेसन के लड्डू में पानी का इस्तेमाल नहीं होता है जिसकी वजह से वो कई महीनों तक एक ही स्वाद में रहता है पर अयोध्या के लड्डू का अभी बहुत बड़ा महत्व है। जो इन्हें यहां से लेकर जाएंगे वो ये कहेंगे कि राम मंदिर का आशीर्वाद है। साल 2022 में एक किलो बेसन के लड्डू का दाम 160 रुपये किलो था जो अब 240 रुपये किलो हो गया है। एक साल में ये सबसे बड़ी छलांग है, लेकिन इसके पीछे का कारण है बेसन और चीनी के दामों में बढ़ोतरी होना।
एक दुकान में बिक रहे पांच हजार से ज़्यादा लड्डू
पहले चीनी का दाम था 38 रुपये जो अब 44 रुपये प्रति किलो हो गया तो चने का दाम था 65 रुपये किलो था जो अब 78 रुपये किलो हो गया है। मजदूरी एक आदमी पहले 800 रुपये होती थी तो अब 1200 रुपये प्रति दिन तक हो गई है। आपको ये जानकर ताज्जुब होगा कि 2020 के पहले एक दिन में एक दुकान से करीब हजार लड्डू बिकते थे, लेकिन अब एक दिन में एक दुकान में पांच हजार से ज्यादा लड्डू बिक जाते हैं। ये अपने आप में कह रहा है कि भक्तों की तादाद कितनी ज्यादा हो चुकी है।
सैकड़ों क्विंटल लड्डू का ऑर्डर पूरा करना हुआ मुश्किल
कुछ कर्मचारी तो ऐसे हैं जो एक मिनट में पचास लड्डू बना देते हैं और एक किलो बेसन में करीब-करीब चालीस लड्डू बन जाते हैं तो एक किलो बेसन को लड्डू में तब्दील करने में एक मिनट लगता है, लेकिन ऐसा काम हर कर्मचारी नहीं कर पाता है। पहले छोटी दुकानों में पांच मजदूर काम करते थे तो अब उनकी संख्या ज्यादा हो गई है, लेकिन फिर भी इन सैकड़ों क्विंटल लड्डू का ऑर्डर अभी तक पार पाना मुश्किल हो रहा है।
22 जनवरी का इंतजार
खरीदने वाले तो ये मानते हैं कि भगवान राम के दरबार में आए हैं। अपने इलाके में लड्डू खिलाएंगे और बताएंगे कि राम मंदिर के दर्शन करके आए हैं। दुनिया भर में हनुमान को भगवान राम का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है और भक्तों को सबसे बड़े भक्त का बेसन का लड्डू खूब भाता है। अब तो इंतजार है 22 जनवरी का जब भक्त इन लड्डुओं को जन जन तक पहुंचाएंगे।