इंडस्ट्री की डिमांड, बजट में इन क्षेत्रों पर भी फोकस करें केंद्र सरकार | Sanmarg

इंडस्ट्री की डिमांड, बजट में इन क्षेत्रों पर भी फोकस करें केंद्र सरकार

कोलकाता : एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2024 से बंगाल के इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें हैं। यहां के उद्योगपतियों ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से अंतरिम बजट में व्यापारी वर्ग को विशेष तवज्जों देने की मांग की है। अधिकतर का कहना है कि वर्तमान में जीएसटी कर प्रणाली में कई जटिलताएं हैं। इन्हें दुरुस्त किया जाना चाहिए। मौजूदा जीएसटी प्रणाली को सरलीकृत बनाने के लिए जीएसटी कानून की नए सिरे से समीक्षा की जानी चाहिए। ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए जिसे आम व्यापारी भी समझ सकें और उसका पालन कर सकें। कोलकाता के उद्योगपतियों ने यह कहा –
कुंज बिहारी अग्रवाल, रूपा एंड कंपनी के प्रबंध निदेशक : इस बार का बजट ज्यादा खास नहीं होने वाला है। हालांकि आगामी चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार कुछ रिलीफ दे सकती है। अगर कुछ राहत मिले तो आम जनता को लाभ मिलेगा। हालांकि बजट को लेकर लोगों को ज्यादा उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए।
विमल दीवान, दीवान संस ज्वेलर्स के डायरेक्टर : इस बार के बजट में कई फेरबदल होंगे लेकिन ज्वेलरी सेगमेंट में बदलाव की संभावना कम है। कुल मिलाकर इस बार का बजट ठीक ठाक ही होने वाला है।
ललित बेरीवाला, श्याम स्टील इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक : यह चुनाव से पहले का मध्यवर्ती बजट है। व्यक्तिगत आयकर दरों में कुछ घोषणाएं हो सकती हैं। हमें उम्मीद है कि पेलेट निर्यात पर प्रतिबंध से स्टील उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद है कि आयरन व स्टील के क्षेत्र में सरकार कुछ घोषणाएं कर सकती है।
कमल गांधी, उद्योगपति व समाजसेवी : जीएसटी को सरलता से लागू किया जाना चाहिए और कम किया जाना चाहिए, वैट को समाप्त किया जाना चाहिए। इनकम टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए। वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए सरकारी जमा में ब्याज दरें बढ़ाई जानी चाहिए।
पीयूष धूत, धूत ग्रुप के सीईओ : सबसे पहले तो सरकार चुनावी साल का बजट बनाने के दबाव में नहीं झुकनी चाहिए। नीतियां लंबी अवधि के लिए बनाई जानी चाहिए। इसके साथ ही बड़े धमाके वाले लोकलुभावन उपाय कम करके, प्रक्रिया सुधारों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। वहीं दूसरे क्षेत्र में मैं आशा करूंगा कि सरकार राजकोषीय घाटे पर कड़ी नजर रखेगी। मुझे उम्मीद है कि बुनियादी ढांचे पर जोर जारी रहेगा और रक्षा क्षेत्र में खर्च बढ़ेगा। इसके साथ ही हमेशा की तरह, मुझे उम्मीद है कि व्यापार करने में आसानी हो, इसके लिए सुधार के साथ-साथ नियामक बोझ भी कम किया जाएगा। सरकार को वास्तव में इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए अगर वे ‘अमृत काल’ और जनसांख्यिकीय लाभांश को भुनाने के बारे में गंभीर हैं।
अंजनी धानुका, एयरकॉम ट्रैवेल्स के चेयरमैन : यह बजट चुनावी बजट है। यहां सरकार के हाथ बंधे हैं। इनकम टैक्स स्लैब में छूट आनी चाहिए। ईवी कार में छूट की उम्मीद है। जीएसटी का सरलीकरण होना चाहिए। इसे कम करना चाहिए। पर्यटन के क्षेत्र में शायद ही कोई बड़ी घाेषणा हो पाए।

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