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कहा-अयन शील ने की थी 5 लाख रुपयों की मांग
पूर्व चेयरमैन ने किया दावा-चयनिका ने ज्वाइन ही नहीं की नौकरी
हुगली/टीटागढ़ : नियुक्ति घोटाले में गिरफ्तार अयन शील के विरुद्ध एक और आरोप सामने आया है। चुंचुंड़ा निवासी चयनिका आड्ड ने आरोप लगाया कि 2019 में उसे टीटागढ़ नगरपालिका में ग्रुप-डी की नौकरी मिली थी हालांकि वह यह नौकरी नहीं कर पायी। उसका आरोप है कि नौकरी के एवज में अयन शील ने उससे 5 लाख रुपयों की मांग की थी। 11 नवंबर को उसने ज्वाइन भी किया था मगर उसे पालिका में काम नहीं करने दिया गया। तत्कालीन चेयरमैन प्रशांत चौधरी ने उसे काम में बाधा दी और उसे निकाल दिया गया कहकर उसे पालिका में काम नहीं करने दिया गया। राष्ट्रीय स्तर के योग चैंपियन अच्छी एथलीट खिलाड़ी हैं। उसने खेल का कोटा से नौकरी की परीक्षा पास की और उसे साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। साक्षात्कार के बाद उन्हें नौकरी मिल गई। 11 नवंबर 2019 को नगर पालिका द्वारा ज्वाइनिंग लेटर भी दिया गया। चयनिका ने कहा कि इसके बाद एक दिन एक पुलिसकर्मी उसके घर पर आया और उसे नौकरी के बारे में बात करने के लिए अयन शील के कार्यालय जाने के लिए कहा। चयनिका अपने पिता के साथ चुंचुंड़ा जगुदासपाड़ा में अयन शील के कार्यालय से मिलने गई जहां अयन ने उससे 5 लाख रुपये मांगे। उससे कहा गया कि रुपये देने पर ही वह नौकरी कर पायेगी। इसपर वह राजी नहीं हुई हालांकि उसे पुनः साल्टलेक कार्यालय बुलाया गया मगर अयन उससे नहीं मिला। उसका कहना है कि अयन शील की गिरफ्तारी के बाद वह साहस जुटा पायी है। उसका कहना है कि वेतन के लिए स्थानीय निजी बैंक में जीरो बैलेंस खाता भी खुलवाया गया, एटीएम कार्ड दिया गया। उसने छह दिनों तक नगरपालिका में चतुर्थ श्रेणी के रूप में काम भी किया हालांकि फिर उसे नगरपालिका से निकाल दिया गया। चयनिका ने कहा, भर्ती सूची में उनका नाम 220 नंबर था, रातों-रात सूची बदल दी गई ,जिन लोगों का नाम नहीं था उनके नाम को सूची में शामिल कर दिया गया। उसका आरोप है कि जिन्होंने नौकरी के लिए रुपये दिये थे उन्हें नौकरी दी गयी है।
तत्कालीन चेयरमैन ने कहा-निर्धारित समय पर ज्वाइन नहीं किया था चयनिका ने
इस प्रसंग में पालिका के पूर्व चेयरमैन व तृणमूल पार्षद प्रशांत चौधरी ने कहा कि चयनिका इस मामले में सरासर झूठ बोल रही हैं। नियुक्ति के बाद दिये गये निर्धारित समय पर उसने नौकरी ज्वाइन ही नहीं की थी। यही कारण है कि पालिका में 221 नियुक्तियों में 220 के बारे में ही पालिका की ओर से संबंधित डीएलबी व विभागीय अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गयी और वहां से उक्त पदों के लिए वेतन शुरू हुआ। चयनिका का पद अभी भी पालिका में रिक्त है। रही बात अयन शील से रुपयों की लेनदेन के उसके आरोपों की तो इससे हमारा कोई लेनादेना नहीं है। यह सब जांच का विषय है। वहीं उन्होंने दावा किया कि इस बाबत पालिका में पास सारे दस्तावेज है। यहां नियुक्ति में धांधली का सवाल ही नहीं उठता। वहीं टीटागढ़ नगरपालिका के चेयरमैन कमलेश साव ने कहा कि एक पद अभी भी रिक्त है क्योंकि कोई ज्वाइनिंग नहीं हुई। नियमानुसार जो कदम उठाया जाना चाहिए पालिका की ओर से वही किया जायेगा। चयनिका भी कानून सापेक्ष अपना कदम उठा सकती है।