
ईडी ने अदालत को दी जानकारी
नियुक्ति घोटाला सोने की खदान है जो अनंत व अंतहीन है
5 अप्रैल तक जेल हिरासत में भेजे गए शातंनु बंद्योपाध्याय
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ईडी ने राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को नियुक्ति घोटाले का ‘गुरु’ करार दिया। ईडी के वकील फिरोज इदुलजी ने तृणमूल के पूर्व युवा नेता शांतनु बनर्जी की हिरासत बढ़ाने के लिए आवेदन करते हुए अदालत में कहा, ‘मैंने पहले ही सूचित कर दिया है कि हम सोने की खान में प्रवेश कर चुके हैं। अयन शील की गिरफ्तारी के बाद मैं देख रहा हूं कि यह खदान अनंत और अंतहीन है।’ शांतनु को शुक्रवार को ईडी की हिरासत से बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया। शांतनु की आपराधिक गतिविधियों के बारे में समझाने के लिए ईडी के वकील ने अदालत को बताया कि उसने नौकरी चाहने वालों से रुपये लिए और फर्जी कंपनियां खोलीं और उनमें निवेश किया। ईडी ने कोर्ट में यह भी दावा किया कि कंपनी खोलने के लिए डमी डायरेक्टर नियुक्त किए गए थे। ईडी के वकील ने अदालत में यह भी दावा किया कि उन्हें शांतनु के खिलाफ फर्जी कंपनियों के जरिए संपत्ति खरीदने और काले धन को सफेद करने के सबूत मिले हैं। ईडी द्वारा यह भी दावा किया गया था कि पार्थ शिक्षक थे और शांतनु इस घोटाले में उसका छात्र था। ईडी ने कोर्ट में दावा किया कि शांतनु इस पूरे घोटाले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के दिखाए रास्ते पर चला। ईडी ने यह भी कहा कि घोटाले में कई अन्य प्रभावशाली लोगों के नाम शांतनु के सूत्रों से मिले हैं।
शांतनु के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल किडनी की समस्या से जूझ रहा है। उन्होंने संबंधित दस्तावेज कोर्ट में पेश किया। उन्होंने शांतनु की जमानत की गुहार लगाई। दूसरी ओर, ईडी ने हुगली के बालागढ़ के पूर्व युवा नेता की जमानत याचिका का विरोध किया और उनकी हिरासत बढ़ाने की मांग की। ईडी ने पहले कहा था कि उसे नियुक्ति घोटाले में शांतनु के खिलाफ कई सबूत मिले हैं। बाद में ईडी ने कहा कि शांतनु के करीबी प्रमोटर अयन के सॉल्टलेक कार्यालय से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिकाएं और नगर पालिका में नियुक्ति से जुड़े कई दस्तावेज मिले हैं। दोनों पक्षों के बयान सुनने के बाद न्यायाधीश ने शांतनु को पांच अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया।