पूछा : ट्राम गायब पर पटरियां हैं क्यों मौजूद
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य के परिवहन विभाग के कामकाज पर असंतोष व्यक्त करते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया। सीएम की शिकायत है कि परिवहन विभाग बेहद निकम्मा है और वह कोई भी काम-काज ठीक से नहीं कर रहा है। किसी भी बात को गंभीरता से नहीं ले रहा है। इसकी रफ्तार इतनी धीमी हो गई है कि साइकिल सवार या फिर पैदल चलने वाले भी इससे आगे निकल जा रहे हैं। बता दें कि इससे पहले हॉकर्स के मामले में भी सीएम ने नगर निगम और नगर पालिकाओं की भूमिका पर बेहद नाराजगी जतायी थी।
राज्य सचिवालय नवान्न में सोमवार को उत्तर बंगाल में बाढ़ की स्थिति पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वह राज्य परिवहन विभाग के काम से बिलकुल संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कई सड़कें अवरुद्ध हैं, इसलिए ट्रैफिक जाम बहुत ज्यादा होता है। मैं देख रही हूं कि परिवहन विभाग बहुत धीमी गति से काम कर रहा है। आपको कार छोड़कर साइकिल चलानी चाहिए या 11 नंबर यानी पैर का इस्तेमाल करना चाहिए। वे उस स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कोलकाता शहर की निष्क्रिय ट्राम लाइन को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाने चाहिए। दुर्घटनाएँ मानसून और सर्दियों के दौरान रात में सबसे अधिक होती हैं जब घना कोहरा होता है। उन्होंने कहा कि कालीघाट-हाजरा कनेक्टर के पास एक ट्राम लाइन है। लम्बे समय से वहां ट्राम नहीं चलती। ज्यादातर मामलों में, बाइक सवार और पैदल यात्री ट्राम लाइनों पर फिसल जाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं और हर साल लगभग औसतन सात से आठ लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि जब ट्राम नहीं चल रही है तो उसको रखकर क्या फायदा? परिवहन विभाग ने ठीक से काम नहीं किया। दरअसल, कोलकाता में दो ट्राम लाइनों का मामला लंबे समय से अदालत में चल रहा है। उस मुद्दे पर सीएम ने कहा, ‘मुझे अदालत का फैसला मत दिखाओ। यहां लोगों की जानें जा रही हैं। मैं इसलिए कह रही हूं, क्योंकि ये जानकारी मुझे है। इस पर शीघ्रता से ध्यान देने की आवश्यकता है।’