नई दिल्ली : पॉपुलर स्टेशनरी ब्रांड कैमलिन के फाउंडर सुभाष दांडेकर का सोमवार को निधन हो गया। 86 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांसें ली, लंबी बीमारी के बाद मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। परिवार की ओर से उनके निधन की जानकारी दी गई। दांडेकर कोकुयो कैमलिन के मानद चेयरमैन के तौर पर कार्यरत थे। उनका अंतिम संस्कार भी मुंबई में किया जाएगा। मराठी इंडस्ट्रीज के बड़े नामों में एक सुभाष दांडेकर को लोग दादासाहेब दिगंबर दांडेकर के नाम से बुलाते थे।
कैसे हुई स्टेशनरी ब्रांड कैमलिन की शुरुआत ?
कैमलिन एक लोकप्रिय स्टेशनरी ब्रांड है। उनकी नींव साल 1931 में डीपी दांडेकर और उनके भाई जीपी दांडेकर ने रखी थी। उन्होंने साल 1931 में हॉर्स ब्रांड इंक पाउडर और टैबलेट के साथ दांडेकर एंड कंपनी के तौर पर इसकी शुरुआत की। धीरे-धीरे कारोबार का विस्तार करते हुए उन्होंने फाउंटेन पेन के लिए “कैमल इंक” मार्केट में लॉन्च कर दिया। साल 1948 तक उनकी कंपनी प्राइवेट कंपनी रही। साल 1998 में वो पब्लिक लिस्टेड कंपनी बन गई।
End of an era: कैमलिन के फाउंडर सुभाष दांडेकर का निधन
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