रामबालक दास
जिला प्रशासन को उम्मीद है कि इस बार भारी संख्या में तीर्थयात्रियों की भीड़ जुटेगी
दक्षिण 24 परगना : विश्व प्रसिद्ध गंगासागर मेला को लेकर एक कहावत चरितार्थ है। हर तीर्थ बार-बार गंगासागर एक बार। वर्तमान समय में राज्य सरकार और जिला प्रशासन के विकास कार्यों की वजह से गंगासागर मेले में तीर्थयात्री बार-बार जा सकते हैं। कोविड के बाद इस वर्ष गंगासागर मेला अपने पुराने लय में लौट रहा है। ज़िला प्रशासन काफी संख्या में तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ने की उम्मीद जता रहे हैं। प्रशासन और मंदिर कमेटी के प्रबंधक ने तीर्थयात्रियों को भक्ति भाव से जोड़ने की तैयारिया कर चुकी है। इसके तहत दो नंबर समुद्र तट पर तीन दिन संध्या आरती होगी जो कि बनारस की तर्ज पर होगी। कपिलमुनि मंदिर के कथा व्यास अंकित महाराज ने सन्मार्ग से कहा कि राज्य सरकार के व्यवस्था पर मंदिर कमेटी की पुजारी 12 से 14 जनवरी को गंगा आरती करेंगे। उन्होंने कहा कि गंगा आरती का महत्व दुनिया भर की सबसे खूबसूरत धार्मिक समारोह में से गंगा आरती भी एक माना जाता है। यह सूर्यास्त के बाद होती है। गंगा आरती की शुरुआत शंखनाद से की जाती है, जिसे लेकर मान्यता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। पुजारी अपने हाथों में बड़े-बड़े दिए लेकर मां गंगा की आरती करते हैं। मां गंगा के जयकारे ढोल, ढोल नगारे की गूंज और आरती की मधुर ध्वनि सागर तट पर होने से तीर्थयात्रियों को एक अलग अनुभूति मिलेगी। गंगा आरती की महिमा और गंगा सागर की ख्याति से विदेशी पर्यटक भी खींचे आ सकते हैं। यहां उल्लेखनीय है कि गत वर्ष गंगासागर मेले में आरती की शुरुआत तो हुई थी, मगर अतिरिक्त भीड़ के कारण चंद मिनटों में बंद करवा दिया गया था।