कोलकाता : रविवार को समस्त ब्रह्मांड को प्रकाशित करने वाले सूर्य देव की उपासना का विधान है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य की पूजा और मंत्रों का जाप करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और मनचाहा फल प्रदान करते हैं। सूर्य पूजन के लिए तांबे की थाली और तांबे के लोटे का उपयोग करें। लाल चंदन और लाल फूल की व्यवस्था रखें। एक दीपक लें। लोटे में जल लेकर उसमें एक चुटकी लाल चंदन का पाउडर और लाल फूल भी डाल लें। थाली में दीपक और लोटा रख लें। ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जप करते हुए सूर्य को प्रणाम करें। लोटे से सूर्य देवता को जल चढ़ाएं। सूर्य मंत्र का जप करते रहें। अर्घ्य समर्पित करते समय नजरें लोटे के जल की धारा की ओर रखें। जल की धारा में सूर्य का प्रतिंबिंब एक बिंदु के रूप में जल की धारा में दिखाई देगा।
सूर्य को अर्घ्य समर्पित करते समय दोनों भुजाओं को इतना ऊपर उठाएं कि जल की धारा में सूर्य का प्रतिबिंब दिखाई दे। सूर्य देव की आरती करें। सात प्रदक्षिणा करें व हाथ जोड़कर प्रणाम करें। उगते हुए सूर्य को प्रणाम और दर्शन करने से हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हमारी दिनचर्या नियामत बनती है। कारोबार में सफलता प्राप्त होती है।
इन मंत्रों का करें जाप
सूर्य पूजन के लिए कुछ महत्वपूर्ण मंत्र हैं। इन मंत्रों का जाप करने से सूर्य की कृपा हमेशा हमारे साथ रहती है। ये मंत्र नित्य प्रात:काल या संध्या काल में जप करने से सूर्य की कृपा सदैव हमारे साथ रहती है। सूर्य की कृपा से हमें आरोग्य, धन, समृद्धि, बुद्धि और सफलता मिलती है।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ घृणि सूर्याय नमः
ॐ मित्राय नमः
ॐ सूर्याय नमः