कोलकाता : हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और शुभ मौकों पर दीये जरूर जलाए जाते हैं। दीप जलाने से ही पूजा पूरी मानी जाती है। दीपक जलाने के कई फायदे धर्म से लेकर ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में भी बताए गए हैं। दीपक जलाने से अंधकार दूर होता है, नकारात्मकता खत्म होती है और माहौल में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अलग-अलग मौकों पर अलग-अलग दीप जलाए जाते हैं। जैसे-सरसों के तेल का दीपक, चमेली के तेल का दीपक, घी का दीया आदि। इसी तरह दीपक मिट्टी, आटे या पीतल-तांबा आदि विभिन्न धातुओं के भी होते हैं, जिस तरह हर मौके के लिए अलग दीपक होता है, वैसे ही अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा में अलग-अलग प्रकार के दीपक जलाए जाते हैं।
हर देवी-देवता के लिए अलग तरह का दीपक
शनिदेव की पूजा में सरसों के तेल का दीपक जलाना सर्वश्रेष्ठ होता है। इसी तरह हनुमान जी चमेली के तेल का दीपक जलाने से प्रसन्न होते हैं। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। इसके अलावा वास्तु शास्त्र और ज्योतिष में दीपक के कुछ उपाय भी बताए गए हैं। ये उपाय बेहद कारगर हैं और बहुत लाभ देते हैं।
शाम के समय मुख्य द्वार पर जलाएं दीपक
शाम के समय दीपक जलाना सबसे अच्छा होता है। यह समय मां लक्ष्मी के आगमन का समय होता है। इसलिए गोधुलि बेला में घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है। वहीं मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और खूब धन-संपत्ति देती हैं। ये उपाय व्यक्ति को तेजी से मालामाल करता है। साथ ही ऐसे घर में मां लक्ष्मी हमेशा वास करती हैं। शाम को घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय शाम के 6 से 8 बजे के बीच का होता है।
ध्यान रहे कि घर के मुख्य द्वार पर दीपक को इस तरह से जलाएं कि जब आप बाहर निकलें तो दीपक आपकी दाहिनी ओर रहे। वहीं दीपक की ज्योति की दिशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होनी चाहिए। पश्चिम दिशा की ओर करके कभी भी दीपक न जलाएं।
तुलसी के पौधे के पास भी जलाएं दीपक
सुबह के समय तुलसी के पौधे में जल चढ़ाना, उसकी पूजा और परिक्रमा करना बहुत शुभ होता है। इसी तरह शाम के समय तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना चाहिए। तुलसी मां लक्ष्मी का ही रूप हैं। शाम को तुलसी के पौधे के पास दीया जलाने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु प्रसन्न होकर सुख, संपत्ति, सौभाग्य देते हैं।