नई दिल्ली : पूरी दुनिया जिस कोरोना के चलते उथल-पुथल के दौर में थी वह कोरोना लगातार अपना रूप बदलकर सामने आता रहा है। इसी कड़ी में कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतवानी जारी की है। असल में इस नए वैरिएंट का नाम ओमिक्रॉन बीए.2.86 है। WHO ने चिंता जताते हुए कहा कि यह कोरोना के बाकी दूसरे वैरिएंट से ज्याद म्यूटेट करने की क्षमता है। यह वैरिएंट कुछ देशों में पाया गया है जिनमें डेनमार्क और इजराइल शामिल हैं। बताया गया कि पहला केस इजराइल में पाया गया है।
दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि नए वैरिएंट में तेजी से म्यूटेट करने की क्षमता है, इसके चलते इसे मॉनिटर किया जा रहा है। फिलहाल WHO इस वैरिएंट को और अधिक ट्रैक करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि यह भी बताया गया कि इसके प्रसार की सीमा को समझने के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है, जिस पर काम जारी है। वहीं अमेरिका की टॉप डिजीज कंट्रोल एजेंसी (CDC) कोरोना के तेजी से म्यूटेट करने वाले एक वैरिएंट को ट्रैक कर रही है। CDC इसके बारे में ज्यादा जानकारी इकट्ठा कर रही है।
‘अब भी वैश्विक स्वास्थ्य खतरा’
इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि कोविड-19 अब दुनिया के लिए स्वास्थ्य आपात नहीं रह गया है लेकिन अब भी यह ‘वैश्विक स्वास्थ्य खतरा’ बना हुआ है। कोरोना वायरस का नया स्वरूप पहले से ही जांच के दायरे में है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने यह सब तब कहा जब शुक्रवार को वे गुजरात की राजधानी गांधीनगर में महात्मा मंदिर सम्मेलन केंद्र में आयोजित जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने साथ ही सभी देशों से अनुरोध किया कि वे ‘महामारी समझौते’ को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी लाएं ताकि इसे अगले साल होने वाली विश्व स्वास्थ्य सभा में इसे स्वीकृत किया जा सके। मालूम हो कि डब्ल्यूएचओ ने हाल में कोरोना वायरस के जिस नए स्वरूप की पहचान की है उसका स्वरूप कई बार परिवर्तित हो चुका है। बीए.2.86 स्वरूप की वर्तमान में निगरानी और जांच की जा रही है। डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि सभी देशों को चौकसी बरतने की जरूरत है।