गाजीपुर : मुख्तार अंसारी को कड़ी सुरक्षा के बीच गाजीपुर के मोहम्मदाबाद स्थित कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उसका पार्थिव शरीर आज सुबह ही उसके आवास पर लाया गया था। सिर्फ परिवार के लोगों को ही मिट्टी देने की इजाजत दी गई। मुख्तार के जनाजे में समर्थकों की भारी भीड़ देखने को मिली। बाहर के लोगों को कब्रिस्तान के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। हालांकि, इसके बाद भी कई लोगों ने अफरा-तफरी मचाते हुए बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षा और बढ़ा दी गई थी। वहीं, मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने कहा कि सब कुछ शांतिपूर्वक संपन्न हो गया है।
हत्या के आरोप में सजा काट रहा मुख्तार अंसारी का बांदा के एक अस्पताल में निधन हो गया, जहां वह एक जेल में बंद था। उसके निधन का कारण हृदय गति रुकना बताया गया, हालांकि उसके परिवार ने आरोप लगाया कि उसे हल्के-हल्के जहर दिया गया था। पोस्टमार्टम में इस बात की पुष्टि हुई कि मुख्तार अंसारी की मौत जहर से नहीं, बल्कि दिल का दौरा पड़ने से हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले अस्पताल के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “मुख्तार अंसारी की मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना था।”
दिल्ली एम्स में पोस्टमार्टम की रखी थी मांग
रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में हुए पोस्टमार्टम के दौरान मुख्तार अंसारी का छोटा बेटा उमर अंसारी भी मौजूद था। मुख्तार अंसारी की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम नियुक्त की गई है। उमर अंसारी ने अनुरोध किया था कि पोस्टमार्टम दिल्ली के एम्स में कराया जाए, यह मांग खारिज कर दी गई थी।