कोलकाता : अगर आप भी ट्रेन से सफर करते हैं तो आपको ट्रेन टिकट के बारे में जान लेना जरूरी है। टिकट बुकिंग से जुड़े नियमों में रेलवे की तरफ से समय-समय पर बदलाव किया जाता रहा है, लेकिन आपको उससे पहले ई-टिकट (E-ticket) और आई-टिकट (I-ticket) के बारे में पता होना चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इन टिकट का क्या मतलब होता है?
ऑनलाइन बुकिंग में मिलता है ये टिकट
ट्रेन में सफर करने के लिए किसी भी यात्री को टिकट की जरूरत होती है। ज्यादातर लोग टिकट बुकिंग ऑनलाइन करवाते हैं। इस स्थिति में आपको या तो ई-टिकट मिलता है आ फिर आपको आई-टिकट मिलता है।
क्या होता है E-ticket?
आपको बता दें ई-टिकट एक तरह का इलेक्ट्रानिक प्रिंटेड टिकट होता है। इस टिकट को कोई भी यात्री अपनी सुविधा के हिसाब से प्रिंट करा सकता है। आप इस टिकट को बिना काउंटर पर जाए ही घर बैठे भी बुक कर सकते हैं। इसको इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन बुक किया जाता है। इसको रेलवे काउंटर टिकट के बराबर ही वैलिड माना जाता है। फिलहाल जो लोग ई-टिकट के जरिए यात्रा करते हैं उनके पास में अपना पहचान पत्र होना चाहिए।
क्या होता है I-ticket?
अगर I-ticket की बात की जाए तो इसको रेलवे की तरफ से यात्री के एड्रेस पर कोरियर किया जाता है। इस टिकट को भी इंटरनेट के जरिए ही बुक किया जाता है। IRCTC की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड होने के दौरान ही इस टिकट को दिए गए एड्रेस पर कोरियर कर दिया जाता है। इस टिकट को आने में करीब 48 घंटे का समय लग जाता है।
E-ticket और I-ticket में अंतर-
– ई-टिकट को यात्री प्रिंट कराता है वहीं I-ticket को प्रिंट नहीं कराया जा सकता है।
– I-ticket को रेलवे की तरफ से कोरियर किया जाता है वहीं, ई-टिकट आपको तुरंत मिल जाता है।
– आई-टिकट में डिलीवरी चार्ज भी जुड़ा होता है, जिसकी वजह से यह महंगा होता है।
– आई-टिकट (I-ticket) दो दिन पहले बुक करना होता है।
– ई-टिकट (E-ticket) सेम डे बुक कर सकते हैं।
– ई-टिकट में सीट बर्थ कंफर्म या आरएसी होती है।
– आई-टिकट में कन्फर्म, RAC या फिर वेटिंग तीनों कैटेगरी में मिल सकती है।
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