
नई दिल्ली: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद पूरी दुनिया ने भारत के स्पेस मिशन को लोहा माना है। गगनयान प्रोजेक्ट पर इसरो काम कर रहा है। गगनयान मिशन बेहद खास है क्योंकि इसके तहत अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की तैयारी हो रही है। यहां एस्ट्रोनॉट्स के तौर पर भारतीय वायुसेना के कई पायलट्स को स्पेस भेजा जाएगा, जिनकी पिछले लंबे समय से ट्रेनिंग भी जारी है।
अक्टूबर में अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार (26 अगस्त) को कहा कि गगनयान मिशन के लिए पहले रोबोट्स को तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसका मकसद यह तय करना है कि मानव मिशन के समय यह स्पेसक्राफ्ट उसी रूट से लौटे जिससे गया है। बता दें कि इस मिशन के तहत अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में एक स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
रोबोट के बाद इंसान को भेजा जाएगा
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्पेसक्राफ्ट की टेस्टिंग सफल होने के बाद व्योममित्र नाम की महिला रोबोट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। रोबोट के भेजने पर वहां सब कुछ ठीक रहा तो हम इससे आगे बढ़ेंगे और मानव मिशन भेजेंगे। अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना उन्हें भेजना।
क्या है ISRO का गगनयान प्लान ?
मिशन गगनयान के तहत साल 2023 के आखिरी में इसरो दो शुरुआती अंतरिक्ष मिशन भेजेगा। वहीं तीसरा मिशन 2024 तक भेजा जा सकता है। मिशन के तहत पहला पूरी तरह से मानवरहित होगा। जबकि दूसरे मिशन में व्योममित्र नाम की एक महिला रोबोट भेजी जाएगी। स्पेस फ्लाइट में तीसरे मिशन में दो इंसानों को भेजा जा सकेगा। ये लोग 7 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर जानकारियां जुटाएंगे। इसके लिए भारतीय वायुसेना के चार पायलट्स को तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए इन्हें रूस के स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग दी जा चुकी है।