रात के अंधेरे में कैसा दिखता है विक्रम लैंडर ? चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ली तस्वीरें

बेंगलुरु: चंद्रयान-3 की नई तस्वीर इसरो ने जारी कर दी है। विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर रात के अंधेरे में आराम करते हुए नजर आ रहा है। यह तस्वीर चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने खींची है। चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर सूर्य की रौशनी नहीं पड़ने की वजह से विक्रम लैंडर स्लीप मोड पर है। सूरज की किरणें निकलने के बाद विक्रम फिर से एक्टिव हो सकता है। 22 सितंबर, 2023 के आसपास सक्रिय होने की उम्मीद है।

कैसे काम करता है ऑर्बिटर ?
चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर एक एसएआर उपकरण का उपयोग करता है जो एल- और एस-बैंड आवृत्तियों के भीतर माइक्रोवेव प्रसारित करता है और सतह से परिवर्तित संकेत प्राप्त करता है। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा कि एक रडार-आधारित प्रणाली के तौर पर यह सूरज की किरणों पर निर्भर किए बिना छवियों को टार्गेट और कैप्चर कर सकता है। यह तकनीक लक्ष्य सुविधाओं की दूरी और भौतिक विशेषताओं को प्रदान कर सकती है। इसरो ने कहा कि DFSAR अत्याधुनिक उपकरण वर्तमान में किसी भी ग्रह मिशन में उपलब्ध उच्चतम रिजॉल्यूशन पोलरिमेट्रिक तस्वीरें प्रदान करता है।

बता दें कि चंद्रयान-2 को 2019 में लॉन्च किया गया था। उस समय क्रैश-लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसके कारण उसकी सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाई। उसके बाद भारत ने 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के ‘विक्रम’ लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इतिहास रचा था। भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश और इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश है।

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