Gita Press : सम्मान स्वीकार, धनराशि से इनकार

गोरखपुर : गोरखपुर से प्रकाशक गीता प्रेस गांधी शांति पुरस्कार को तो स्वीकार करेगी, लेकिन एक करोड़ की सम्मान राशि नहीं लेगी। गीता प्रेस के बोर्ड ने इसका ऐलान सोमवार को किया। केंद्र सरकार ने 18 जून को गीता प्रेस को 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा की थी। गीता प्रेस के प्रबंधक लाल मणि तिवारी ने कहा, ‘गीता प्रेस ने 100 सालों में कभी कोई आर्थिक मदद या चंदा नहीं लिया। इनके अलावा सम्मान के साथ भी मिलने वाली किसी तरह की धनराशि को स्वीकार नहीं किया।’
किया आभार व्यक्त
उन्होंने इस सम्मान के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार व्यक्त किया। कहा, ‘यह सम्मान हमारे लिए हर्ष की बात है। लेकिन, बोर्ड ने यह फैसला लिया है कि सम्मान के साथ मिलने वाली धनराशि को स्वीकार नहीं किया जाएगा।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट में पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी द्वारा लिए गए फैसले को उपहास भरा बताया। उन्होंने कहा कि यह फैसला सावरकर और नाथूराम गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।

पीएम ने गीता प्रेस की सराहना की
पीएम मोदी ने रविवार को इस पुरस्कार के लिए गीता प्रेस को बधाई दी थी। कल कहा था कि गीता प्रेस को अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने पर गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना सामुदायिक सेवा में किए गए कार्यों की सराहना करना है।

पीएम ने कहा कि गांधी शांति पुरस्कार 2021, मानवता के सामूहिक उत्थान में योगदान देने के लिए गीता प्रेस के महत्वपूर्ण और अद्वितीय योगदान को मान्यता देता है, जो सच्चे अर्थों में गांधीवादी जीवन शैली का प्रतीक है।

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