
बेंगलुरु: मिशन मून के बाद इसरो अपने नए मिशन को लेकर पूरी तरह तैयार है। 2 सितंबर को आदित्य एल1 की लॉन्चिंग होगी। जो सूर्य की किरणों के बारे में जानकारियां भेजेगा। इसकी तैयारी को लेकर इसरो चीफ का बयान सामने आया है। वहीं सूर्ययान की लॉन्चिंग कहां देखी जाएगी वो भी आपको बताएंगे।
चांद पर सफलता पाने के बाद ISRO अपने पहले सूर्य मिशन की तैयारी लगभग पूरी कर चुका है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इसकी काउंटडाउन की जानकारी दी है। देश का पहला सौर मिशन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। लॉन्चिंग का समय शनिवार सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर है। सूर्ययान की लॉन्चिंग देखने के लिए इसरो की वेबसाइट पर जा सकते हैं। इसके अलावा यू-ट्यूब पर भी इसे देखा जा सकता है।
जानिए सूरज के कितने करीब पहुंचेगा सूर्ययान
आदित्य-एल1 सूर्य से निकलने वाली किरणों के बार में जानकारियां जुटाएगा। इसे सूर्य और पृथ्वी के बीच में L1 प्वाइंट (सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन बिंदु) पर रखा जाएगा। इसे पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के एल1 प्वाइंट की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इस प्वाइंट की खासियत है कि यहां सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बेअसर रहते हैं, जिसके चलते वस्तुएं इस जगह पर रह सकती हैं। इसे सूर्य और पृथ्वी के अंतरिक्ष में पार्किंग प्वाइंट भी कहा जाता है। बता दें कि इस मिशन की मदद से सौर वायुमंडल के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का बयान
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने लॉन्चिंग की तैयारियों के बारे में जानकारी देते गुरुवार (31 अगस्त) को चेन्नई में कहा था कि रॉकेट और सैटेलाइट तैयार हैं। हमने प्रक्षेपण के लिए अभ्यास पूरा कर लिया है।
इस रॉकेट से किया जाएगा लॉन्च
आदित्य L1 की लॉन्चिंग इसरो द्वारा बनाई गई स्वदेशी रॉकेट PSLV XL C-57 से किया जाएगा। यह पृथ्वी के लोअर ऑर्बिट में आदित्य L1 को पहुंचाएगा। इसके बाद सूर्ययान सूरज और पृथ्वी के बीच L1 प्वाइंट तक पहुंचेगा। यहां तक पहुंचने के लिए सूर्ययान को करीब 4 महीने का समय लगेगा। बता दें कि धरती से इस प्वाइंट की दूरी 15 लाख किलोमीटर है। वहीं, सूर्य से L1 प्वाइंट की दूरी करीब 14 करोड़ 85 लाख किमी है।
सोशल मीडिया पर देख सकेंगे लाइव
इसरो ने ट्विटर यानी एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि इसकी लाइव लॉन्चिंग के लिए इसरो की वेबसाइट पर जाकर सीट बुक कर सकते हैं। इसके अलावा इसरो की वेबसाइट और यू-ट्यूब चैनल पर भी लाइव प्रसारण देख सकते हैं।