कोलकाता: हिंदू पंचाग के अनुसार छठ महापर्व की शुरुआत शुक्रवार यानी आज से हो गई है। यह त्योहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तारीख से शुरू होता है। नहाय खाय से आज इसकी शुरुआत हो रही है जो कि 20 नवंबर को सुबह के उगते सूर्य को अर्घ्य देकर खत्म होगा।
छठ महापर्व के दौरान विधि विधान और नियमों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। छठ में शामिल होने से पहले उनसे जुड़े महत्वपूर्ण नियमों और कुछ ध्यान देनी वाली बातों को जान लेनी चाहिए।
छठ पूजा की सूची
छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय है जो शुक्रवार(17 नवंबर) के दिन है। कल यानी कि दूसरे दिन खरना जो कि शाम के समय होता है वह 18 नवंबर शनिवार के दिन होगा। इसके बाद संध्या अर्घ्य 19 नवंबर रविवार के दिन होगा और 20 नवंबर को व्रती दूसरा अर्घ्य देकर पारण करेंगी जो कि 20 नवंबर यानी कि सोमवार के दिन होगा।
पवित्रता का रखें विशेष ध्यान
यह ऐसा पर्व है जिसमें शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है। छठ के शुरुआत ही दिन नहाय खास से इसके प्रसाद बनाते समय पवित्रता का ध्यान रखना होता है। किसी भी चीज को अपवित्र हाथों से नहीं छूना चाहिए। इसके अलावा खरना के दिन प्रसाद बनाते समय स्वच्छता का खास ध्यान रखना चाहिए। ध्यान रखें कि प्रसाद बनाते समय उस जगह को अच्छे से साफ करने के बाद तैयारी करने के अलावा उस जगह को गंगाजल से छिड़काव कर दें। ऐसा करने से प्रसाद बनाने वाली जगह पवित्र हो जाती है।
इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा में चांदी, स्टील, प्लास्टिक आदि बर्तनों का गलती से भी इस्तेमाल ना करें। छठ में मिट्टी के चूल्हे बर्तन का प्रयोग करें. दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि शास्त्रों में मिट्टी के बने चूल्हे और बर्तनों को पवित्र मानते हैं। साथ ही इन मिट्टी के बर्तनों और चूल्हों को शुभता का प्रतीक मानते हैं।
चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व छठ में व्रतियों को सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले कुछ भी सेवन नहीं करना होता है। इस दौरान जमीन पर सोना और पूजा के ठीक 10 दिन पहले से ही अरवा चावल और सेंधा नमक का केवल सेवन करना होता है। व्रती अगर इन नियमों का ध्यान रखती हैं तो उन्हें व्रत का पूरा फल मिलता है और जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है।