कोलकाता : हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव को सभी देवताओं में उच्च स्थान प्राप्त है। कहा जाता है कि भगवान शिव शंकर आसानी से प्रसन्न हो जाने वाले देवता हैं। यदि कोई भक्त श्रद्धा पूर्वक उन्हें केवल एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। शिव जी की पूजा के लिए सोमवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन लोग भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं और व्रत भी रखते हैं। कहा जाता है कि शिव जी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए सोमवार का व्रत जरूर रखना चाहिए। इस दिन व्रत रखने और विधि पूर्वक पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। यदि आप सोमवार का व्रत रखते हैं तो कुछ बातों को जानना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं सोमवार व्रत के नियम और इस दौरान कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए…
सोमवार व्रत के नियम
सोमवार के दिन शिव जी की पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है। यदि आप व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो पूजा जरूर करें। सोमवार को सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र ग्रहण करें। अगर संभव हो तो किसी मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने के बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करें और व्रत की कथा जरूर सुनें।
शिवजी को अर्पित करें ये चीजें
भगवान शिव शंकर को बिल्व पत्र बहुत ही प्रिय होता है। कहा जाता है जो भी शिवलिंग पर नियमित रूप से बिल्व पत्र चढ़ाता है उसकी हर तरह की मनोकामना पूरी होती है। इसके अलावा हर सोमवार को शिवलिंग पर शमी के पत्ते जरूर चढ़ाएं। साथ ही शिवलिंग का दूध और गंगाजल से अभिषेक करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
शिव जी की पूजा में न करें ये गलतियां
शिव जी की पूजा में अभिषेक के समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दूध से अभिषेक करने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल न करें। कहा जाता है कि तांबे के पात्र में दूध डालने से दूध संक्रमित होता हो जाता है और चढ़ाने योग्य नहीं रह जाता।
इसके अलावा एक और बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग पर कभी भी रोली और सिंदूर का तिलक नहीं लगाना चाहिए। शिव जी की पूजा में चंदन के तिलक का इस्तेमाल करना चाहिए।