नई दिल्ली: आज देशभर में गीता जयंती मनाया जा रहा है। यह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। सनातन धर्म में श्रीमद्भगवत गीता का विशेष महत्व बताया गया है क्योंकि इसमें लिखा हुआ एक-एक शब्द भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कहा गया है। पंचांग के अनुसार आज यानि 22 दिसंबर को गीता जयंती का पर्व मनाया जा रहा है और यह दुनिया में एकलौता ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का पूजन किया जाता है और कहते हैं कि इससे भगवान खुश होकर अपना आशीर्वाद देते हैं। गीता जयंती के दिन गीता पढ़ना या सुनना भी शुभ माना जाता है।
गीता जयंती का महत्व
धर्म ग्रंथों के अनुसार महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन के सारथी बने थे। युद्ध शुरू होने पर अर्जुन ने देखा कि उनके सामने कौरवों की ओर से सभी भाई, गुरु द्रोणाचार्य, पितामह भीष्म समेत सभी सगे संबंधी हैं। जिन्हें देखकर अर्जुन सोच में पड़ गए कि आखिरी अपनों पर किस तरह शस्त्र चलाएंगे। उस समय भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपने विराट रूप के दर्शन दिए और बताया कि मनुष्य का अधिकार केवल कर्म करना है। हार, जीत, जीवन, मृत्यु, दुख, शोक, खुशी आदि किसी चीज पर उसका कोई वश नहीं है। आत्मा अमर है और केवल शरीद नश्वर है। इसलिए गीता जयंती का विशेष महत्व माना गया है और इसमें जीवन का सार दिया गया है जो कि मनुष्य को अंधकार से ज्ञान की ओर ले जाता है।