लोकतंत्र के लिए खतरा बना डीपफेक, रोकने के लिए कानून लाएगी सरकार | Sanmarg

लोकतंत्र के लिए खतरा बना डीपफेक, रोकने के लिए कानून लाएगी सरकार

नई दिल्ली: डीपफेक वीडियो और ऑडियो की चर्चा देश में जोरों पर है।इसके बढ़ते मामलों को लेकर सरकार सतर्क नजर आ रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया की कई कंपनियों के साथ बैठक की और इससे बचने के तरीकों पर कुछ फैसले किए। उन्होंने कहा कि डीपफेक न सिर्फ समाज पर बल्कि लोकतंत्र पर भी एक खतरा है। इसके लिए वैष्णव ने कंपनियों के साथ मिलकर चार मुख्य चीजों पर काम करने की सहमति जताई है।

IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कई मुद्दों पर रखी बात

प्रेस कॉन्फ्रेंस में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों ने यह स्वीकारा है कि डीपफेक एक बड़ा सामाजिक खतरा है। इससे बचने के लिए जिन मुद्दों पर सरकार और कंपनियां काम करेंगी, उसका भी केंद्रीय मंत्री ने जिक्र किया। पहली चीज, डीपफेक की जांच कैसे हो ? दूसरा यह कि इसे वायरल होने से कैसे बचाएं ? तीसरा, कोई यूजर इसे कैसे रिपोर्ट करे और इस पर तुरंत कार्रवाई हो सके ? और इसके खतरे पर जागरूकता बढ़ाने के लिए सब मिलकर कैसे काम कर सकें

कुछ प्लेटफार्म तैयार

बीते दिनों, मशहूर एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना और पीएम मोदी का एक डीपफेक वाला वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद से यह मुद्दा काफी चर्चा में बना हुआ है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऐसी वीडियो की जांच के लिए कुछ प्लेटफार्म तैया हैं लेकिन हमें इससे ज्यादा की जरूरत है। उन्होंने कहा ऐसी वीडियो के खिलाफ जल्द ही कानून बनाए जाएंगे और सही तकनीकी कदम उठाए जाएंगे।

कई और बैठकें और फॉलोअप मीटिंग

डीपफेक पर कई और भी बैठकें होंगी। उन्होंने बताया ही इस मुद्दे को लेकर अगली बैठक दिसंबर के पहले हफ्ते में की जाएगी। उस बैठक में समीक्षा की जाएगी और फॉलोअप लिया जाएगा। मामले पर सख्त रुख दिखाते हुए उन्होंने कहा कि जो भी डीपफेक की वीडियो को प्रसारित करेगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इसे जुड़ा कोई कानून अभी लागू नहीं हुआ है।

 

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