सीबीआई ने हाल ही में मारी थी रेड
अयन ने अपने बयान में कहा कि विभिन्न जिलों के एजेंटों से वसूले थे 45 करोड़
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : एसएससी मामले में ईडी ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के एक और करीबी के बारे में विस्फोटक खुलासा किया है। चार्जशीट के मुताबिक शांतनु और कुंतल ने अपने बयान में कहा है कि पार्थ चटर्जी इसी करीबी के यहां रुपये पहुंचाने के लिए कहा करते थे। ईडी ने कुंतल के अलावा एक अन्य एजेंट का नाम लिखा है, जो पार्थ का करीबी और बेहला का रहने वाला है और वह और कोई नहीं शंटू गंगोपाध्याय है।
शंटू के पास रुपये पहुंचाने का मतलब था पार्थ के पास रुपये पहुंचना
पार्थ के पास अगर सीधे तौर पर रुपये नहीं पहुंचते थे तो वह उनके व्यवसायी करीबी शंटू गंगोपाध्याय के पास पहुंचते थे। इसका कारण यह था कि इससे वह काला धन सीधे तौर पर व्यवसाय में निवेश कर सकता था। पार्थ चटर्जी के पास पहले से ही काले धन का भंडार था, ऐसे में वे अपने करीबियों के पास इसे रखवाया करते थे। सोमवार को ईडी ने शांतनु, अयन समेत 7 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दी थी। शांतनु और अयन दोनों ने पार्थ के करीबी एजेंटों में से एक शंटू का नाम लिया है। सीबीआई की टीम के भी रडार पर वह है। हाल ही में सीबीआई की टीम ने उक्त व्यवसायी के यहां रेड मारी थी।
शंटू का नाम लेने वालों में शांतनु, कुंतल के अलावा अयन भी
ईडी को दिए अपने बयान में शांतनु ने कहा कि अयन ने 2012 और 2014 के टेट परीक्षार्थियों को नौकरी देने के नाम पर उनसे बड़ी रकम वसूल की थी। उन्होंने तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ की मदद से कुंतल और शंटू को नौकरी दिलाने के लिए पैसे दिए। इतना ही नहीं, शांतनु ने ईडी को बताया कि बेहला का शंटू और हुगली का कुंतल दोनों पार्थ चटर्जी के बेदह करीबी थे। शंटू अयन और पार्थ के बीच सेतु का काम कर रहा था।
वर्ष 2014 में ही नहीं वर्ष 2012 के टेट में भी हुई थी धांधली
अयन ने अपने बयान में बताया है कि उसे 2012 और 2014 के टेट अभ्यर्थियों से भर्ती मूल्य के लिए विभिन्न जिलों के एजेंटों द्वारा 45 करोड़ रुपए दिए गए थे। इसमें से 26 करोड़ 30 लाख रुपए अयन ने बेहला के शंटू को दिए थे। यह कुंतल ही था जिसने उसे वह पैसा शंटू को देने के लिए कहा था। अयन ने बताया कि इसके अलावा उसने कुंतल को 60 लाख रुपये दिए थे।
चार्जशीट में बेहला के व्यवसायी व पार्थ के करीबी एजेंट का आया नाम
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