नवरात्रि के 7वें दिन मां कालरात्रि की पूजा से प्रसन्न होंगे शनि देव, जानें पूजा विधि और उपाय

कोलकाता: चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन 28 मार्च 2023 को मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली स्वरूप देवी कालरात्रि की पूजा होगी। कालों की काल मां कालरात्रि ने शुंभ, निशुंभ के साथ रक्तबीज का संहार करने के लिए अवतार लिया था। मां कालरात्रि की उपासना तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है। नवरात्रि में मां कालरात्रि की उपासना से शत्रु और विरोधियों से मुक्ति मिलती है। देवी कालरात्रि जिस पर प्रसन्न हो जाएं बड़ी से बड़ी विपदा टल जाती है यहां तक कि शनि के अशुभ प्रभाव में भी कमी आती है। नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है, आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा विधि, मंत्र, उपाय और मुहूर्त।

चैत्र नवरात्रि 2023 सातवें दिन का मुहूर्त
चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि शुरू – 27 मार्च 2023, शाम 05.27चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि समाप्त – 28 मार्च 2023, रात 07.02

लाभ (उन्नति) – सुबह 10.54 – दोपहर 12.26निशिता काल मुहूर्त – मध्यरात्रि 12.03 – प्रात: 12.49द्विपुष्कर योग – सुबह 06.16 – शाम 05.32सौभाग्य योग – 27 मार्च 2023, रात 11.20 – 28 मार्च 2023, रात 11.36

मां कालरात्रि पूजा विधि
काल का नाश करने वाली मां कालरात्रि की पूजा मध्यरात्रि (निशिता काल मुहूर्त) में शुभफलदायी मानी गई है। देवी कालरात्रि को कुमकुम का तिलक करें। लाल मौली, गुड़हल या रात रानी के पुष्प चढ़ाए। मां कालरात्रि को गुड़ का प्रसाद अति प्रिय है। ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।’ का यथाशक्ति जाप करें।
अंत में कपूर की आरती करें फिर गुड़ के भोग का एक हिस्सा ब्राह्मणों और दूसरा परिवारजनों को बांट दें। कहते हैं इस विधि से मां कालरात्रि की बहुत प्रसन्न होती है और रोग, शोक, शत्रु, भय, और आकस्मिक घटनाओं से साधक की रक्षा करती हैं।
प्रिय रंग – नीला
प्रिय भोग – गुड़
मां कालरात्रि के उपाय
रात्रि के समय लाल रंग के वस्त्र पहनकर मां कालरात्रि के समक्ष दीपक जलाएं। 11 नींबुओं की माला और गुड़हल की फूल की माला पहनाएं। अब 108 बार देवा कालरात्रि के सिद्ध मंत्र ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।’ का जाप करें। हर मंत्र के बाद एक लौंग देवी को अर्पित करते जाएं। अंत में सभी लौंग अग्नि में डाल दें। मान्यता है इससे दुश्मन शांत होगा और कोर्ट कचहेरी के मामले में स्थितियां आपके पक्ष में रहेंगी। देवी कालरात्रि की उपासना से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव भी कम होते हैं।
मां कालरात्रि के मंत्र
क्लीं ऐं श्रीं कालिकायै नम:’ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।’ॐ कालरात्र्यै नम:एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥ वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा। वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
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